नई दिल्ली: ग्लोबल ई-कॉमर्स इंडस्ट्री हर 30 सेंकेंड में 12 लाख डॉलर यानी 7 करोड़ 83 लाख 12 हजार रुपए का कारोबार कर रहा है जिसमें बड़ी हिस्सेदारी सोशल मीडिया के जरिए हुए कारोबार की है। ऐसोचैम-डेलॉयट के संयुक्त अध्ययन में यह बात कही गई। फेसबुक का योगदान प्रति आधा मिनट 5,483 डॉलर, पिंटरेस्ट का 4,504 डॉलर और ट्विटर का 4,308 डॉलर है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया की मैच्योरिटी, विभिन्न लोगों और वर्गों तक इसकी पहुंच के कारण यह ऑनलाइन बिक्री का उचित मंच बन गया है।
सोशल मीडिया के पेज पर बाजार में नए उत्पादों के संबंध में सूचना, प्रॉडक्ट रिव्यू, प्रॉडक्ट रेटिंग रेटिंग, सुझाव तथा सूचना प्रौद्योगिकी उत्पाद मुहैया कराते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, 'सोशल मीडिया से ई-रिटेल कंपनियों को ब्रैंड के संबंध में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलती है। सोशल नेटवर्क पर मौसमी बिक्री और पेशकश की जानकारी होती है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सके।' ऐसोचैम महासचिव डी एस रावत ने कहा, 'ई-कॉमर्स कंपनियों ने सोशल नेटवर्क पर उत्पादों पर प्रतिक्रिया देने के लिए कुछ अंक भी प्रदान करने शुरू किए हैं ताकि ग्राहकों को प्रेरित किया जा सके।'
विश्लेषकों के मुताबिक प्रॉडक्ट रिव्यू और रेटिंग तथा उत्पाद सिफारिश सबसे लोकप्रिय वाणिज्यिक विशेषताएं हैं जो प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों की साईट पर है। रिपोर्ट में कहा गया, 'सोशल नेटवर्क की ई-कॉमर्स साइट से सीधा संबंध है जो उत्पाद का पूरा ब्योरा, उपलब्धता की जानकारी, मूल्य और आपूर्ति सूचना आदि मुहैया कराते हैं।' भुगतान मंच से ई-कॉमर्स कंपनियों को तुरंत भुगतान प्राप्त करने में मदद मिलती है बजाय इसके लिए आपूर्ति पर भुगतान का इंतजार किया जाए। इससे चोरी और धोखाधड़ी की गुंजाइश कम होती है।