सिंगापुर। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक नरमी और अन्य देशों पर इसके प्रभाव के बावजूद भारत इससे बचा हुआ है और एक बेहतर स्थल बना हुआ है। जेटली ने कल रात यहां द सिंगापुर समिट 2015 में कहा, उल्लेखनीय रूप से भारत चीनी उत्पादन श्रृंखला का हिस्सा नहीं है। वास्तव में, सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले जिंस और तेल के क्षेत्रों का भारत पर निश्चित ही प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है जो एक शुद्ध आयातक है।
द स्ट्रेट्स टाइम्स ने जेटली के हवाले से कहा, इसलिए सस्ती का जितना ज्यादा दौर होगा, भारत को उतना ही लाभ होगा। वैश्विक स्तर पर मंदी के बावजूद, हम एक बेहतर स्थल के रूप में खड़े हुए हैं। उन्होंने भाजपा नीत भारतीय सरकार के आर्थिक सुधारों की गति पर चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने खासी तेजी से सुधार किया है।
सिंगापुर डेली ने जेटली के हवाले से कहा, मैं कुछ हद तक अधीरता का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सरकार खासी तेजी से आगे बढ़ी है। सरकार की दिशा एकदम स्पष्ट है। उन्होंने करीब 400 वैश्विक कारोबारी नेताओं, निवेशकों और सरकारी अधिकारियों की सभा को बताया कि श्रम, कर, विद्युत आपूर्ति और भूमि सुधारों के मोर्चे पर प्रगति की गई है। जेटली ने कहा कि भारत सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के समय के अधिकतर मसलों को सुलझा लिया है। जेटली कल यहां पहुंचे थे। उन्होंने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से मुलाकात की। वे विदेश मंत्री के षणमुगम से मिले तथा सरकारी निवेशक तेमासेक होल्डिंग्स और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ बैठकें कीं।
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