Saturday, November 16, 2024
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1994 के बाद यूआन में सबसे बड़ी गिरावट, भारत पर भी पड़ेगा असर

बीजिंग: आर्थिक सुस्ती और गिरते निर्यात की समस्या से जूझ रहे चीन ने अपनी मुद्रा युआन की सख्त नियंत्रण विनिमय दर में दो प्रतिशत अवमूल्यन कर दिया। उसकी मुद्रा में 1994 के बाद किसी एक

PTI
Updated on: August 12, 2015 11:13 IST

china

युआन में अवमूल्यन से भारत का निर्यात प्रभावित होगा: फियो

चीनी मुद्रा युआन में 2 प्रतिशत के अवमूल्यन से भारत का निर्यात प्रभावित होगा और व्यापार घाटा और बढ़ सकता है। निर्यातकों का शीर्ष निकाय फियो ने आज यह कहा। भारतीय निर्यातकों के संगठनों का परिसंघ फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा, अवमूल्यन से चीनी निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी। ऐसे में भारत का न केवल चीन को निर्यात प्रभावित होगा बल्कि इसका अन्य देशों को होने वाले निर्यात पर भी असर होगा। उन्होंने कहा, इससे व्यापार घाटा और बढ़ सकता है जो पहले ही 50 अरब डॉलर पहुंच चुका है।

चीन के केंद्रीय बैंक ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सुस्ती और शेयर बाजार में हाल के नुकसान के बाद अपनी मुद्रा का दो प्रतिशत अवमूल्यन कर दिया है। इस बीच, टाटा स्टील ने कहा कि चीनी मुद्रा में अवमूल्यन से इस्पात का आयात बढ़ सकता है जिसका असर घरेलू स्टील उत्पादकों पर पड़ेगा। टाटा स्टील ग्रुप के कार्यकारी निदेशक वित्त एवं कारपोरेट कौशिक चटर्जी ने कहा, भारत सरकार ने कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क 2.5 प्रतिशत बढ़ाया लेकिन वैश्विक स्तर पर स्टील के दामों में सुधार से स्थानीय इस्पात कंपनियों को कोई लाभ नहीं हुआ। और अब चीनी मुद्रा में अवमूल्यन ने भविष्य में आयात दबाव की स्थिति और खराब हो सकती है।

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