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सरकार ने कहा कॉल ड्रॉप समस्या से निजात को नहीं हो रही गंभीर कोशिश

नई दिल्ली: कॉल ड्रॉप यानी मोबाइल संपर्क बार बार कटने की बढ़ती शिकायतों पर कंपनियों की खिंचाई करते हुए सरकार ने आज कहा कि दूरसंचार ऑपरेटर इस समस्या को दूर करने की गंभीर कोशिश नहीं

India TV News Desk
Published : August 18, 2015 13:57 IST
कॉल ड्रॉप मामले पर...
कॉल ड्रॉप मामले पर सरकार और कंपनियों के बीच आरोप प्रत्यारोप

नई दिल्ली: कॉल ड्रॉप यानी मोबाइल संपर्क बार बार कटने की बढ़ती शिकायतों पर कंपनियों की खिंचाई करते हुए सरकार ने आज कहा कि दूरसंचार ऑपरेटर इस समस्या को दूर करने की गंभीर कोशिश नहीं कर रहे हैं। इसके विपरीत कंपनियों ने इसके लिए दूरसंचार टावर गाड़ने में आ रही समस्या की शिकायत की है और कहा है कि यदि दूरसंचार टावर के बारे में कोई राष्ट्रीय नीति न बनाई गई तो यह समस्या और बिगड़ेगी। दूरसंचार विभाग कॉल ड्रॉप पर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का विचार कर रहा है। ऐसे में सभी ऑपरेटरों ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर टावर के लिए पूरे देश में एक जैसी नीति बनाने की मांग की। Bharti airtel, Vodafone और Idea cellular समेत तमाम आपरेटरों ने आरोप लगाया कि टावर सील करने के स्थानीय निकायों के आदेश, बिजली की समस्या और टावर लगाने की अनुमति में अड़ने आ रही है।

दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग ने इसी मुद्दे पर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद कॉल ड्रॉप के मामले में ऑपरेटरों के दावों को खारिज किया। गर्ग ने कहा, कॉल ड्रॉप और टावर नीति के बीच कोई संबंध नहीं है। पहले भी ऐसी नीति नहीं थी पर कॉल बीच में टूटने की शिकायत नहीं थी। उन्हेंने मौजूदा नियमों के तहत ही इसका समाधान निकालना होगा। बैठक में गर्ग ने कंपनियों को सेवाओं में सुधार के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा, उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आशावाद एक सतत प्रक्रिया है और अपेक्षित परिणामों के लिए प्रयासों में तेजी लाए जाने की जरूरत है।

टावरों को सील किए जाने के मुद्दे पर गर्ग ने ऑपरेटरों को बताया कि इससे प्रभावित टावरों की संख्या बहुत छोटी है और बार बार कॉल ड्रॉप के संदर्भ में इसे कारण नहीं बताया जा सकता। दूरसंचार कंपनियों तथा उद्योग एसोसिएशनों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में कार्यान्वित की जा सकने वाली एक समान टावर नीति होनी चाहिए। Idea cellular के प्रबंध निदेशक हिमांशु कपानिया ने कहा, हमें केवल दिशा निर्देश नहीं बल्कि समान राष्ट्रीय टावर नीति की जरूरत है जिसे देश भर में कार्यान्वित किया जा सके।

Vodafone इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील सूद के अनुसार दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद पहले ही और अधिक साइटें स्थापित करने के मामले में उद्योग का समर्थन कर चुके हैं। सूद ने कहा, उन्होंने नगर निकायों व राज्य सरकारों से समान नीति कार्यान्वित करने का आग्रह किया है ताकि अधिक टावर लगाए जा सकें। कॉल ड्रॉप मुद्दे के आगे चलकर और खराब होने की आशंका पर उन्होंने कहा हां, अगर टावर नीति नहीं बनी तो, ऐसा ही होगा।

Bharti Airtel के सीईओ गोपाल विट्टल ने कहा-कंपनियों ने सेवाएं देने के लिए इस क्षेत्र में बड़ा निवेश किया है तथा वह आगे भी और निवेश करने से पीछे नहीं हटेंगे। हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है। उद्योग जगत ने क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम तथा स्पेक्ट्रम के तारतम्य के साथ साथ सरकारी भवनों पर टावर लगाने की अनुमति देने की मांग की है।

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