नई दिल्ली। काले धन (Black money) पर लगाम लगाने की दिशा में गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए मोदी कैबिनेट ने सेशल्स के साथ इस दिशा में समझौते पर अपनी मुहर लगा दी। समझौते के तहत भारत और सेशल्स कर से जुड़ी सूचनाएं एक दूसरे को देंगे। कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक के बाद केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, "सरकार काले धन की समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस मामले में सेशल्स के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान का समझौता बहुत महत्व रखता है। "
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "समझौते के तहत मिली सूचनाओं को गोपनीय रखा जाएगा। इन्हें सिर्फ संबंधित व्यक्तियों और प्राधिकारियों (अदालत और प्रशासनिक संस्थाओं समेत) को ही बताया जाएगा। समझौते के तहत आने वाले करों के मूल्यांकन, संग्रह, अभियोजन और अपील से जुड़े लोगों को ही इनकी जानकारी होगी। "
बीते महीने भारत ने अमेरिका के साथ फॉरेन एकाउंट टैक्स कंप्लायंस एक्ट (एफएटीसीए) पर दस्तखत किए थे। इस समझौते का मकसद भी दोनों देशों के बीच कर संबंधी मामलों को और पारदर्शी बनाना है।
अमेरिका के साथ हुए इस समझौते के मुताबिक अब अमेरिकी कानून के तहत भारतीय वित्तीय संस्थानों को राजस्व विभाग को अमेरिकी करदाताओं के बारे में जानकारी देनी होगी। इस जानकारी को अमेरिका के कर अधिकारियों को सौंपा जाएगा। बदले में अमेरिका ऐसी ही जानकारियां भारत को देगा। बीते साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया, भारत और जी-20 के अन्य देशों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि 2018 तक ये देश एक-दूसरे को कर संबंधी जानकारियां देंगे।