नई दिल्ली: महत्वाकांक्षी कार्यक्रम डिजिटल इंडिया के ब्रैंड अंबेस्डरों की नियुक्ति के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए सरकार ने आज कहा कि उसने चार लोगों को डिजिटल इंडिया सप्ताह (1-7 जुलाई) के दौरान एक साल के लिए ब्रैंड अंबेस्डर बनाया था और उसके बाद किसी की नियुक्ति नहीं की गई। उल्लेखनीय है कि स्वघोषित एथिकल हैकर अंकित फादिया ने कहा कि उसे एक जुलाई को डिजिटल इंडिया का ब्रैंड अंबेस्डर नियुक्त किया गया। उसने फेसबुक पर एक प्रमाणपत्र की फोटो भी लगाई। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी नियुक्ति को लेकर बहस छिड़ गई। आधिकारिक बयान में कहा गया है, डिजिटल इंडिया सप्ताह (1-7 जुलाई 2015) के तहत चार ब्रैंड अंबेस्डर एक साल की अवधि के लिए नामांकित किए गए थे।
इसके अनुसार जिन लोगों को चुना गया उनमें सतवत जगवानी (आल इंडिया आईआईटी जेईई- एडवांस्ड टापर 2015), कर्ती तिवारी (आईआईटी जेईई एडवांस्ड गर्ल टापर 2015) तथा फादिया व प्रणव मिस्त्री (कंप्यूटर विज्ञानी) शामिल है। बयान में कहा गया है, इसके बाद किसी अन्य व्यक्ति को डिजिटल इंडिया का ब्रैंड अंबेस्डर नहीं बनाया गया है। बयान में यह भी गया है कि इन ब्रैंड अंबेस्डरों की सेवाएं कार्यक्रम के प्रति जागरकता फैलाने के लिए जरूरत पड़ने पर ली जाएंगी। सरकार ने आज सुबह एक खंडन जारी कर कहा था, कुछ समाचारों के अनुसार सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए ब्रैंड अंबेस्डर नियुक्त करने का कदम उठाया गया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि ब्रैंड अंबेस्डर की नियुक्ति की इस तरह की कोई पहल नहीं है।
हालांकि सरकार ने अपने इस बयान को कुछ ही घंटे बाद वापस ले लिया और शाम को नया बयान जारी किया। फादिया ने कहा था, प्रधानमंत्री ने जब दिल्ली में डिजिटल इंडिया की घोषणा की तो मुझे आमंत्रित किया गया और मैंने कार्यक्रम के ब्रांड अंबेस्डर के रूप में प्रमाण पत्र लिया।
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