नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को अघोषित विदेशी आय व संपत्ति विधेयक पारित हो गया। कालधन विधेयक को लोकसभा में पेश करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि कानून को लागू करने में विलंब होने से दोषियों को विदेशों में बेहिसाब संपत्ति को कहीं और स्थानांतरित करने का मौका मिल जाएगा। विधेयक पर चर्चा के दौरान जेटली ने कहा, "विधेयक (मार्च में पेश) का घरेलू काला धन से कोई संबंध नहीं है। पहली बार अवैध, अघोषित विदेशी आय को इस कानून के तहत लाया गया है। इसके मुताबिक 30 फीसदी कर देना होगा, जबकि जुर्माने के तौर पर अतिरिक्त 30 फीसदी भरना होगा।"
जेटली ने कहा, "संपत्ति की घोषणा करने वालों को एक रास्ता प्रदान करने की सीमा समाप्त होने के बाद अगर कोई व्यक्ति विदेशों में अघोषित संपत्ति के साथ पकड़ा जाता है, तब उसे 30 फीसदी कर के साथ 90 फीसदी जुर्माना और आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। इस प्रकार उसे कुल 120 फीसदी कर देना होगा। इसके अलावा, दोषी व्यक्ति को 3-10 साल की सजा का भी प्रावधान है।"
भारत या विदेशों में जमा काले धन का कोई आधिकारिक आंकड़ा न होने को स्वीकार करते हुए उन्होंने पिछले सप्ताह संसद में कहा था कि इस मुद्दे पर सरकार तीन संस्थानों से मिली रपटों की जांच कर रही है।
राज्यसभा में उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा, "विभिन्न व्यक्तियों/संस्थानों द्वारा देश के बाहर जाने वाले काले धन के बार में अलग-अलग अनुमानित आंकड़ों की जानकारी दी है। ये अनुमान विभिन्न तथ्यों, आंकड़ों, तरीकों तथा मान्यताओं पर आधारित हैं। विदेशी बैंकों में कितना काला धन जमा है, इसके बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है।"
एक गैर सरकारी अनुमान के मुताबिक, विदेशों में जमा काला धन 466 अरब डॉलर से 1400 अरब डॉलर के बीच है।