नई दिल्ली: सरकार का 72,000 करोड़ रुपए का राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड नेटवर्क कार्यक्रम भारतनेट दो महीने के भीतर मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए पेश किए जाने की संभावना है। दूरसंचार विभाग की एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। दूरसंचार विभाग की अतिरिक्त सचिव एवं BBNL की सीएमडी अरणा सुंदरराजन ने बताया, आंतरिक विचार विमर्श चल रहा है। हमें अगले महीने इसके (भारतनेट) दूरसंचार आयोग के समक्ष पेश किए जाने की संभावना है। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है तो दो महीने के भीतर इसे अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेज दिया जाएगा।
भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड BBNL एक विशेष उद्देशीय कंपनी है जो इस परियोजना का प्रबंधन कर रही है। दूरसंचार मंत्रालय के तहत गठित एक समिति ने संप्रग सरकार के कार्यकाल में शुरू किए गए 21,000 करोड़ रुपए के नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का मॉडल नए सिरे से तैयार किया है। इस परियोजना के तहत सभी ढाई लाख पंचायतों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य है।
राजग सरकार ने नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के दिसंबर, 2016 तक पूरा करने के लिए समय सीमा संशोधित की थी, लेकिन समिति का अनुमान है कि भारतनेट को 2017 के अंत तक लागू किया जा सकेगा।