नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि देश में गरीबी को समाप्त करने के लिए भूमि अधिग्रहण और जीएसटी विधेयक पारित किए जाने की जरूरत है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में गरीबी उन्मूलन के लिए नीतिगत सुधार व सालाना 8-10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर जरुरी है। संसद के मॉनसून सत्र में कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों की ओर से व्यवधान की धमकियों के बीच जेटली ने कहा कि सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना से संदेश साफ है, वृद्धि व आर्थिक सुधार गरीबों के लिए उसी तरह मददगार है, जैसे कि उनको लक्ष्य कर के बनायी गई योजनाए।
पिछले शुक्रवार को जारी किए गए सामाजिक आर्थिक एवं जति जनगणना-2011 के आंकडों से ग्रामीण भारत में विपन्नता का प्रसार सामने आया है, जहां हर तीसरा परिवार भूमिहीन है। वह जीवनापन के लिए अस्थायी मेहनत मजदूरी पर निर्भर करता है। जेटली ने कहा कि इस स्थिति में सुधार उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। वित्त मंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है, वृद्धि या पुन:वितरण।
नीतिगत सुधार या गरीबी उन्मूलन की लक्षित योजनाए। हमारा मानना है कि इनमें किसी एक को चुनाना गलत है। दोनों जरुरी है। उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए 8-10 प्रतिशत की वृद्धि जरुरी है। जिससे सभी भारतीयों के लिए रोजगार के अच्छे अवसर पैदा हो सके। यही वजह है कि सरकार निवेश को प्रोत्साहन दे रही है। जेटली ने कहा कि वृद्धि का लाभ उन लोगों तक पहुंच सके जो इससे वंचित है, यह सुनिश्चित करने के लिए लक्षित योजनाएं और नीतियां जरुरी है।