सिंगापुर: आर्थिक सुधार बरकरार रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि कई विधेयक प्रक्रिया में हैं जिन्हें आने वाले दिनों में आगे बढ़ाया जाएगा। जेटली ने यहां एक समारोह में कहा कि सुधार निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और निवेशकों को आश्वस्त किया कि सरकार उन्हें बरकार रखेगी ताकि भारत को आकर्षक निवेश गंतव्य और कारोबार के लिए बेहतर जगह बनाया जा सके। जेटली यहां द सिंगापुर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हैं। साथ ही वह यहां सरकार में बैठक महत्वपूर्ण अधिकारियों से भी मिलेंगे। जेटली ने कहा दिवालियापन संहिता तैयार है और मध्यस्थता कानून तथा कई अन्य कानूनों में बदलाव प्रक्रिया में हैं, अगले कुछ साल के लिए हमारी कार्य-सूची पूरी है और सुधार निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
जेटली ने कहा कि जिन विधेयकों को धन निधेयक के रूप में लिया जा सकता है उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा धन विधेयक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे राज्य सभा में रोका नहीं जा सकता है, जहां राजग का बहुमत नहीं है। उन्होंने कहा कि कभी ऐसा समय था जबकि विशेषग्य ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) से भारत को हटाने की बात कर रहे थे आज भारत ब्रिक्स की सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत अब ऐसा देश नहीं रहा जो नीतिगत लाचारी और अनिश्चित कराधान प्रणाली से ग्रस्त हो। अब राज्य निवेश आकर्षित करने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आयातक के तौर पर देश को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटती कीमत का फायदा हो रहा है। इससे मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटा दोनों को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
जेटली ने कहा कि सरकार ऐसे कुछ क्षेत्रों की समस्या सुलझाने की कोशिश कर रही है जो बुरे दौर से गुजर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कुछ क्षेत्र हैं जो दबाव में हैं। इस्पात, बिजली और बिजली वितरण क्षेत्र और इन क्षेत्रों से जुड़े हितों पर पिछले कुछ महीनों में विशेष तौर पर ध्यान दिया गया है। बैंकिंग क्षेत्र के सुधार का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नई पूंजी डालने के साथ साथ उनके प्रबंधन को पेशेवर स्वरूप दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा बैंकिंग क्षेत्र भारत का एक और ऐसा क्षेत्र है जो दबाव में है और हमने पुनर्पूंजीकरण और बैंकिंग प्रणाली को पेशेवर बनाना शुरू किया है। जो कार्यक्रम हमने बनाया है, अगले तीन-चार साल में हमारे बैंक पटरी पर आ जाएंगे। वे हालांकि बेहद चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं वे इस चरण से निकल जाएंगे। जेटली ने कहा कि सरकार की विभिन्न पहलों ने देश भर में सकारात्मक माहौल बनाया है। अब हर राज्य वैश्विक निवेश के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा है।