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Court Order: एप्‍पल ने चुराई भारतीय द्वारा विकसित टेक्‍नोलॉजी, देना होगा 23.4 करोड़ डॉलर का जुर्माना

नई दिल्‍ली। अमेरिका की एक अदालत ने शुक्रवार को विश्‍व विख्‍यात आईटी कंपनी एप्‍पल इंक को एक पेटेंट उल्‍लंघन मामले में दोषी पाया है। कोर्ट ने एप्‍पल इंक को विस्‍कॉन्सिन-मेडीसन यूनिवर्सिटी की पेटेंट लाइसेंसिंग सहयोगी

India TV Business Desk
Published on: October 18, 2015 12:08 IST
Apple ने चुराई भारतीय...- India TV Hindi
Apple ने चुराई भारतीय द्वारा विकसित टेक्‍नोलॉजी

नई दिल्‍ली। अमेरिका की एक अदालत ने शुक्रवार को विश्‍व विख्‍यात आईटी कंपनी एप्‍पल इंक को एक पेटेंट उल्‍लंघन मामले में दोषी पाया है। कोर्ट ने एप्‍पल इंक को विस्‍कॉन्सिन-मेडीसन यूनिवर्सिटी की पेटेंट लाइसेंसिंग सहयोगी को 23.4 करोड़ डॉलर का जुर्माना देने का आदेश दिया है। विस्कॉन्सिन एल्युमिनी रिसर्च फाउंडेशन (डब्ल्यूएआरएफ) ने एप्पल पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने बिना अनुमति के उसकी माइक्रोचिप टेक्‍नोलॉजी को अपने आईफोन और आईपैड में इस्तेमाल किया है। इस माइक्रोचिप टेक्‍नोलॉजी का आविष्‍कार भारतवंशी प्रोफेसर गुरिंदर सोही और उनके तीन छात्रों ने किया था, जिसका पेटेंट 1998 में कराया गया था।

डब्ल्युएआरएफ ने एप्पल पर 40 करोड़ डॉलर के जुर्माने का दावा किया था। एप्पल ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी। विस्कॉन्सिन की याचिका पर अमेरिकी डिस्ट्रिक्‍ट कोर्ट में पांच अक्‍टूबर से सुनवाई शुरू हुई थी। दूसरे चरण में शुक्रवार को लगभग साढ़े तीन घंटे तक सुनवाई चली।

जज इस पर विचार कर रहे थे कि आईफोन 5 एस, 6 और 6 प्लस के साथ आईपैड में इस्तेमाल हुए एप्पल के ए7, ए8 और ए8एक्स प्रोसेसर से कहीं पेटेंट का उल्लंघन तो नहीं हुआ है। डब्ल्यूएआरएफ ने जनवरी 2014 में एप्पल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसने कम्‍प्‍यूटर विज्ञान के प्रोफेसर गुरिंदर सोही, जो कि एक भारतीय हैं और उनके तीन छात्रों के द्वारा विकसित ‘प्रीडिक्टर सर्किट’ के वर्ष 1998 में हुए पेटेंट का उल्लंघन किया है। तीन छात्रों में से एक छात्र भी भारतीय है।

कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई कि एप्पल ने इस चिप का इस्तेमाल सिर्फ अमेरिका में बेचे गए आईफोन और आईपैड में ही नहीं किया बल्कि विदेशों में भी बेचे गए हैंडसेट में भी इसका इस्तेमाल किया है। हालांकि एप्पल के वकीलों ने दलील दी कि इस मामले में डब्ल्यूएआरएफ का हर्जाना 11 करोड़ डॉलर बनता है लेकिन डब्ल्यूएआरएफ ने 2.74 डॉलर प्रति हैंडसेट के हिसाब से जुर्माने की मांग की थी।

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