चंडीगढ़: सफेद कीट लगने से बर्बाद हुई कपास की फसल के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रैवये से नाराज पंजाब के आंदोलनकारी किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन सोमवार को भी जारी रखने के कारण राज्य में रविवार को भी रेल यातायात प्रभावित रहा। किसानों के आंदोलन का पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी व्यापक असर दिखा। पंजाब की ओर जाने वाली ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। किसानों ने रविवार को अमृतसर के करीब मुच्छल गांव में अमृतसर-जालंधर रेलवे ट्रैक और मोगा के करीब लुधियाना-फिरोजपुर रेलवे ट्रैक बाधित किया। उन्होंने पटरियों पर तंबू गाड़ लिए और वहीं चटाइयां बिछाकर बैठ गए।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सात अक्टूबर को शुरू हुए किसानों के इस आंदोलन से चलते अब तक 250 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। रेलवे और राज्य प्रशासन को इससे 100 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। अंबाला स्टेशन के प्रबंधक हंस राज ने कहा, "पंजाब में जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है, तब से हरियाणा से चलने वाली एक्सप्रेस, पैसेंजर और माल गाड़ियों सहित करीब 240 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।"
किसान संगठनों के नेताओं ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की ओर से बातचीत का न्योता मिलने के बावजूद शनिवार को अपना आंदोलन सोमवार तक जारी रखने का निर्णय लिया। दोनों पक्षों में यहां सोमवार को बातचीत होगी। किसानों के नेता एच.एस. संधू ने कहा, "हमने अपना आंदोलन सोमवार तक चलाने का फैसला किया है। हम सोमवार को पंजाब सरकार के साथ बातचीत के बाद अगले कदम के बारे में निर्णय लेंगे।"
किसान आंदोलन की वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली विशेष ट्रेन समझौता एक्सप्रेस भी प्रभावित हुई है। आंदोलनकारी किसान मुख्य रूप से पंजाब के मालवा क्षेत्र में सफेद कीट लगने से कपास की फसल को हुए नुकसान को लेकर सरकार की उदासीनता से नाराज हैं। सफेद कीट की वजह से कपास की 60 फीसदी से अधिक फसल को बर्बाद हो चुकी है और कपास उत्पादक किसानों को इससे हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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