Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिज़नेस
  3. अमेरिका ने भारत को आर्थिक सुधारों में तेजी लाने को कहा

अमेरिका ने भारत को आर्थिक सुधारों में तेजी लाने को कहा

वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत से कारोबार करने की सुगमता पर जोर के साथ आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज करने को आज कहा। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा के लिये और

Agency
Updated : September 23, 2015 11:58 IST
अमेरिका ने भारत को...
अमेरिका ने भारत को आर्थिक सुधारों में तेजी लाने को कहा

वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत से कारोबार करने की सुगमता पर जोर के साथ आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज करने को आज कहा। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा के लिये और कदम उठाने तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के साझा नियमों के तहत व्यापार को और उदार बनाने की जरूरत पर बल दिया। भारत अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता की पहली कड़ी को नए युग की शुरूआत करार देते हुए बाइडेन ने जलवायु परिवर्तन के मामले में परस्पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि इससे दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के आर्थिक वृद्धि के नये युग की शुरूआत हो सकती है। इस वार्ता में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

बाइडन ने भारत अमेरिका व्यापार परिषद (USIBC) के 40वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नियमों का वैश्विक स्तर पर अनुपालन किया जा रहा है। इसीलिए हमें बौद्धिक संपदा के संरक्षण के लिये और सुधारों की जरूरत है। उन्होंने कहा, हमें विदेशी निवेश के मामले में सीमा को उदार बनाना है और कंपनियों के लिये अपने उत्पादों एवं सेवाओं को बाजार में बेचने के लिये चीजों को सुगम बनाना है। मेरी विनम्र राय है कि द्विपक्षीय व्यापार ज्यादा-से-ज्यादा हो, इस बारे में भारत को निर्णय करना है, यह दोनों देशों के हित में है। और यह तभी हो सकता है जब हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार के साझा नियमों के साथ व्यापार को लगातार उदार बनाये। सुषमा ने कहा कि भारत में अपार अवसर है और उन्होंने अमेरिकी कंपनियों से देश में बड़े पैमाने पर निवेश करने को कहा।

सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देशों के बीच केवल व्यापार नहीं हो रहा है बल्कि हम महत्वपूर्ण रणनीतिक मेल-मिलाप के तहत एक नये मुकाम की तरफ बढ़ रहे हैं। हमें उम्मीद है कि कंपनियां भी इस चीज को समझेंगी और इस दिशा में कदम उठाएगी। USIBC के कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियां अपने कारोबारी फैसले करने के लिए सबसे अनुकूल स्थिति में है। विदेश मंत्री ने कहा, शहरीकरण को प्रोत्साहित करने की हमारी योजना है और हम सभी के लिए सस्ती बिजली और सस्ता घर मुहैया कराने के लिए दृढ़ हैं। हम भारत में विनिर्माण को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ना चाहते हैं और हमने डिजिटल इंडिया के ईद-गिर्द उत्पाद आधारित एवं सेवा आधारित औद्योगिक एवं संचालन मंच विकिसित करने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने कहा कि उक्त सभी योजनाएं अमेरिकी उद्योग के लिए सही मायने में वाणिज्यिक और कारोबारी अवसर प्रदान करती हैं ताकि दोनों देशों के फायदे के लिए भारतीय सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों और एक वृहत्तर अर्थव्यवस्था के साथ भागीदारी की जा सके। सुषमा ने कहा, सरकार की पहले दिन से प्राथमिकता भारत में और भारत के साथ कारोबार को आसान बनाना है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से निपटने के लिए हमें एक साथ खड़े होने की जरूरत है। इस दौर का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जलवायु परिवर्तन की वजह से मिलने वाली चुनौतियां हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री जान केरी ने बाइडन की बातों से सहमति जताते हुए कहा, वाणिज्यिक संबंधों के नेटवर्क के तेजी से विकास, दोनों देशों के लोगों के बीच बढ़ता लगाव और उच्च स्तर पर वास्तविक उत्साह के साथ हमने नये युग में प्रवेश किये हैं। जलवायु परिवर्तन को एक बड़ी चुनौती बतरते हुए केरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत की अर्थव्यवस्था को बिजली के मामले में अक्षय उर्जा स्रोतों पर अधिक निर्भर बनाने की योजना का समर्थन किया। अपने संबोधन में वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रिट्जकर ने दोनों देशों की कंपनियों तथा अर्थव्यवस्था की वृद्धि के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक रूप से भारत को कारोबार की सुगमता के मामले में विश्वबैंक की रैंकिंग में शीर्ष 50 देशों की सूची में शामिल किये जाने की प्रतिबद्धता जतायी है। ऐसे में अनुबंध लागू करने के नियमों में सुधार तथा दिवालियापन के नियम को आधुनिक रूप देना इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण हैं। कारोबार करने की सुगमता की विश्वबैंक की पिछली रैंकिंग में भारत 189 देशों की सूची में भारत 186वें स्थान पर था।

यह भी पढ़ें-

अमेरिकी सांसदों ने कैरी से कहा, भारत पर बाजार आधारित सुधार आगे बढ़ाने के लिए जोर डालें

RSS के समर्थन से लगी थी 1975 की इमरजेंसी: पूर्व IB चीफ

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिज़नेस सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement