नई दिल्ली: सरकार ने विमान के चेक-इन सामान पर शुल्क लगाने की सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनियों की मांग को खारिज कर दिया। सरकार ने कहा कि वह यात्रियों पर इस बोझ को डालने के पक्ष में नहीं है। विमान कंपनियों ने सरकार से इसकी अनुमति मांगी थी। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने कहा सरकार ने सस्ती विमानन कंपनियों की इस मांग को स्वीकार नहीं किया है। नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशक से इस बारे में आग्रह किया था।
उन्होंने कहा कि हमें सस्ती विमानन कंपनियों से चेक-इन सामान पर शुल्क लगाने के बारे में प्रस्ताव मिला था। हमने इसे खारिज कर दिया और उड्डयन मंत्रालय के स्तर पर इस पर कोई विचार नहीं हो रहा है। हम हवाई यात्रियों पर यह बोझ नहीं डालना चाहते है। यदि इस प्रस्ताव को स्वीकार किया तो यह भारत में हवाई यात्रा की वृद्धि को कमजोर करने वाला होगा। यह भारत में हवाई यात्रा वृद्धि को कमजोर करने वाला होगा।
शर्मा ने कहा कि भारत में हवाई यात्रा में अच्छी वृद्धि की उम्मीद है। आने वाले दिनों में अधिक मध्यम वर्ग के परिवार हवाई यात्रा करेंगे। ऐसे में यदि उन्हें एक किलो चेक-इन सामान पर भी शुल्क देना पड़ा तो हतोत्साहित होंगे। एयरलाइंस कंपनियां वर्तमान व्यवस्था के साथ 15 किलो सामान निशुल्क ले जाने को जारी रखे। इसके साथ ही कम सामान लेकर चलने वालों को प्रोत्साहन दे।