आपके घर में अगर दवा खाने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है तो आपकी जेब पर अप्रैल महीने से ज्यादा असर पड़ने वाला है। दरअसल जरूरी दवाओं की सूची में आने वाली करीब 800 दवाओं की कीमतों में अप्रैल महीने से 10.7 फीसदी का इजाफा होने जा रहा है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NPPA) ने इसके लिए मंजूरी दी है।
ये दवाएं नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मेडिसिंस की सूची में आती हैं। जिन दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, उनमें पैरासीटामॉल, फिनाइटोइन सोडियम, फेनोबार्बिटोन, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड और मेट्रोनिडाजोल जैसी कई दवाएं हैं। कहा जा रहा है कि दवाओं की कीमत में बढ़ोतरी की वजह थोक मूल्य सूचकांक (WPI) है। मिली जानकारी के मुताबिक, इनपुट कॉस्ट पर प्रेशर बढ़ना भी इसकी वजह है।
यानी बुखार, एलर्जी, हार्ट रोग, बीपी और एनीमिया जैसे कॉमन रोगों में जो दवाएं इस्तेमाल होती हैं, उसके लिए लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। इन दवाओं में एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर्स, एंटी इंफेक्टिव शामिल हैं। अप्रैल 2022 से इन दवाओं की कीमतों में इजाफा देखने को मिलेगा।
कहा जा रहा है कि साल 2013 के बाद ये अब तक की दवाओं में की जाने वाली सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। इससे पहले तक केवल 0.5 से लेकर 4 प्रतिशत ही बढ़ोतरी हुई थी।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफे के बाद दवाइयां भी महंगी होने से जनता को निराशा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बढ़ती हुई महंगाई के बीच दवाइयां महंगी होने से आम आदमी के जीवन पर सीधा असर पड़ेगा।