पटना: मोदी सरकार ने मंगलवार को नई संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया। दूसरी तरफ इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने महिला आरक्षण बिल के अंदर आरक्षण की मांग रख दी है।
राबड़ी देवी ने ट्वीट कर रखी मांग
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मंगलवार को अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर एवं मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। उन्होंने आगे लिखा कि अन्य वर्गों की तीसरी, चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सरकारें महिला आरक्षण का बिल सदन में लेकर आती रही हैं। राजद महिला आरक्षण का विरोध करती रही है। कई दल इस बिल के समर्थन में नजर आ रहे हैं।
राजद सांसदों ने फाड़ा था बिल
वहीं, आपको बता दें कि जब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 8 मार्च 2010 को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया था। तब राज्यसभा में राजद के सांसद राजनीति प्रसाद ने बिल को फाड़कर सभापति हामिद अंसारी पर फेंक दिया था। राजद के एक और सांसद सुभाष यादव ने सदन के भीतर जमकर उत्पात मचाया था। राजद और सपा के सांसद सभापति की मेज पर चढ़ गये और माइक उखाड़ दिया था। आखिरकार सभापति हामिद अंसारी ने मार्शल को बुलाकर राजद और सपा के 7 सांसदों को सदन से बाहर कराया और तब 9 मार्च 2010 को बिल पास कराया गया। हालांकि, इसके बाद यह लोक सभा से पास नहीं करवाया जा सका था।
यह भी पढ़ें-