
पटना: बिहार की सियासत में कदम जमाने की कोशिश कर रहे जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। प्रशांत किशोर के बयान के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि कहीं वह इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों में वही भूमिका तो अदा नहीं करेंगे जो चिराग पासवान ने 2020 में की थी। सियासी पंडितों का कहना है कि 2020 के विधानसभा चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग ने पूरा चुनाव ही सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार की जेडीयू को मात देने का लक्ष्य बनाकर लड़ा था।
‘जेडीयू का खाता नहीं खुलना चाहिए’
पटना में स्थित बिहार सत्याग्रह आश्रम में आयोजित होली मिलन समारोह में प्रशांत किशोर ने जिस अंदाज में अपनी बात कही, उससे जेडीयू के कान निश्चित तौर पर खड़े हो गए होंगे। समारोह में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, ‘याद रख लीजिए, जेडीयू का खाता इस बार नहीं खुलना चाहिए। जहां-जहां जेडीयू के उम्मीदवार होंगे वहां खाता नहीं खुलने देना है क्योंकि यदि जेडीयू का खाता खुला तो चाचा कहीं न कहीं लटक ही जाएंगे। ऐसा करना है कि न चाचा लालटेन पकड़ पाएं और न ही फूल पर बैठ पाएं।’
‘दूसरी तरफ जंगल राज वाले भाई हैं’
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, ‘लोगों को बता दीजिए यदि तीर का बटन आपने दबाया तो यह तीर आपको 5 साल तक चुभेगा।’ वहीं, RJD और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘और दूसरी तरफ जंगल राज वाले भाई हैं जो माई बहन योजना में ₹2500 देने की बात करते हैं। पूरे बिहार में 6 करोड़ महिलाएं हैं, ऐसे में 1.5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। बिहार की योजनाओं को चलाने के लिए कुल बजट 50000 करोड़ रुपये का ही है। ऐसे में उनको बिहार के बाहर के लोगों का अपहरण कर फिर से अपहरण का उद्योग धंधा शुरू करना होगा।’