नई दिल्ली: बिहार में पुल गिरने की घटनाओं पर सियासत एक बार फिर गरमा गई है। जहां एक ओर तेजस्वी यादव समेत तमाम विपक्षी नेता सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं वहीं इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का बयान सामने आया है। उन्होंने बिहार में पुल गिरने की घटनाओं को साजिश बताया है। मांझी ने कहा कि एक महीने पहले बिहार में क्यों नहीं गिर रहे थे पुल.. अब क्यों गिर रहे हैं? जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि यह बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश है।
क्या इसके पीछे कोई साजिश है?
पिछले करीब 10 दिनों के अंदर अररिया, सीवान, पूर्वी चंपारण, किशनगंज और मधुबनी समेत विभिन्न जिलों में पांच पुल ढह गए। जीतन राम मांझी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "यह चिंता की बात है कि बिहार में पुल ढह रहे हैं। ऐसा लगता है कि घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया होगा। लेकिन पुल 15 दिन या एक महीने पहले क्यों नहीं ढह रहे थे? वे अब क्यों ढह रहे हैं? क्या इसके पीछे कोई साजिश है?"
सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश
मांझी ने सुझाव दिया कि ये घटनाएं सरकार की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से जानबूझकर की गई कार्रवाई हो सकती हैं। उन्होंने कहा, "सरकार की छवि खराब करने के लिए ये सब जानबूझकर किया जा रहा है। पुल लगातार गिर रहे हैं, मुझे लगता है कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है।" हालांकि, मांझी ने ठेकेदारों द्वारा घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की बात भी स्वीकार की, जो पुलों के ढहने की एक वजह हो सकती है।
ठेकेदारों और इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार पुलों के ढहने के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों और इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और मैं उनसे साजिश के पहलू की भी जांच करने का अनुरोध करता हूं।" पूर्व मुख्यमंत्री ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गहन जांच और कड़े कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया, "सरकार सुनिश्चित करेगी कि ऐसा दोबारा न हो।"