बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को चुनाव प्रचार से लौटने के बाद योगी आदित्यनाथ के आरोपों का जवाब दिया। तेजस्वी ने कहा कि 17 महीने में उन्होंने क्या देख लिया, 17 महीने जब महागठबंधन की सरकार थी तो उन्हें क्या परिवर्तन लगा, योगी जी कुछ तो बताएं। यूपी में आज जैसे हालत हैं, वे किसी से छुपे हुए नहीं हैं।
जब उनसे योगी के इस आरोप के बारे में पूछा गया कि बिहार में राजद के शासनकाल में गुंडे तमंचे लहराते थे, यादव ने कहा, ''यहां आकर उन्हें कुछ बोलना था, तो बक दिए।’’ बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे यादव ने कहा, ‘‘सत्ता में हमारे 17 महीने ऐसे किसी काम के लिए नहीं जाने गए। दूसरी ओर बड़े पैमाने पर सरकारी विभागों में भर्तियों के दौरान उनके (योगी के) राज्य से कई आवेदक यहां आए थे।’’ यादव ने योगी के सुशासन के दावे पर भी सवाल उठाया और आरोप लगाया कि ‘‘उन्होंने जो एक काम किया है, वह उन मामलों में अपना नाम हटाना था जिनमें वह स्वयं आरोपी थे’’।
'योगी ने मुख्यमंत्री बनते ही अपने सारा मुकदमे खत्म करवा लिए'
तेजस्वी ने कहा, ''योगी आदित्यनाथ ऐसे पहले मुख्यमंत्री बने, जो मुख्यमंत्री बनने के बाद पहला काम यह किया कि अपना सारा मुकदमा खत्म करवा लिया। इन लोगों को काम से मतलब नहीं है, सिर्फ इधर-उधर की बात करनी है।'' उन्होंने कहा, "यूपी के लोगों को हमने नौकरी दी है। आपके प्रदेश के लोग यहां आकर नौकरी कर रहे हैं, तो आप क्या कर रहे हैं। किस बात के मुख्यमंत्री हैं आप? उत्तर प्रदेश की सरकार पेपर लीक में मशहूर हो चुकी है। सिर्फ उत्तर प्रदेश में पेपर लीक हो रहा है।"
राजीव प्रताप रूड़ी को दिया जवाब
राजद नेता ने भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी के आरोपों पर तेजस्वी ने कहा कि रोहिणी आचार्य ने माता-पिता की सेवा की है। अपनी किडनी देकर पिता को जीवन दान दिया है। उन्होंने जिस अपने माता-पिता को संभाला है, उसी तरह सारण को संभालेंगी। उन्होंने कहा, रूडी के सारण में रहते छपरा बर्बाद हो रहा है। मेरी बहन लोगों का आशीर्वाद मिलते ही निर्वाचन क्षेत्र की तस्वीर बदल देगी। रोहिणी सारण की महान जनता की इतनी सेवा करेंगी कि नया उदाहरण बनेगा। तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य सारण से पहली बार चुनावी मैदान में हैं।
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