बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्यपाल की हुई मुलाकात का सच सामने आया। विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर ये मुलाकात हुई थी। राजभवन की ओर से वीसी की नियुक्ति से संबंधित रिलीज भी जारी किया गया। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल की मुलाकात बिहार के विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर हुई थी, लेकिन इसे राजनीतिक मुलाकात बताया जा रहा था। नियुक्ति से पहले राज्यपाल इस पर मुख्यमंत्री से चर्चा करना चाहते थे। इस चर्चा के बाद राजभवन सचिवालय की तरफ से बिहार के छह विश्वविद्यालयों में नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। राजभवन से जारी अधिसूचना के मुताबिक, नवनियुक्त कुलपतियों का कार्यकाल उनके प्रभार-ग्रहण की तिथि से तीन वर्षों का होगा।
इन विश्वविद्यालयों में नए कुलपति की हुई नियुक्ति-
- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति के पद पर प्रो. संजय कुमार चौधरी को नियुक्त किया गया है।
- केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति के पद पर प्रो. लक्ष्मी निवास पाण्डेय को नियुक्त किया गया है।
- बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में प्रो बिमलेंदु शेखर झा को कुलपति के पद पर नियुक्त किया गया है।
- लंबे समय से प्रभार में चल रहे बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति के पद पर प्रो दिनेश चंद्र राय को नियुक्त किया गया है।
- जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति के पद पर प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेयी को नियुक्त किया गया है।
- आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के कुलपति के पद पर प्रो शरद कुमार यादव को नियुक्त किया गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को अचानक राजभवन पहुंच गए और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की, जिसे लेकर चर्चा का बाजार और गर्म हो गया। अटकलें लगाई जाने लगी कि नीतीश एनडीए में शामिल होने वाले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी फिर से सियासत में बदलाव के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि 'खेला होबे'। NDA में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने मंगलवार को प्रदेश में 'खेला होने' के संकेत देते हुए इशारों-इशारों में एक्स पर लिखा, "बंगला में कहतें हैं, 'खेला होबे', मगही में कहते हैं, 'खेला होकतो', भोजपुरी में कहते हैं, 'खेला होखी', बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं।
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