पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के एक दिन बाद विधानसभा अध्यक्ष पद और अन्य विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल करने के लिए जोरदार गोलबंदी शुरू हो गई है। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद भाजपा के पास रहने की उम्मीद है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है उनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव और अमरेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी शामिल है।
संभावित मंत्रियों की लिस्ट
भाजपा नेताओं ने सोमवार को संकेत दिया कि अन्य जातियों, अल्पसंख्यक समूहों और महिला विधायकों को जगह देने के लिए एक या दो दिन में आगे भी कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। जेडीयू के एक नेता ने नाम नहीं उजागर किए जाने की शर्त पर बताया कि नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित चेहरों में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन, रामप्रीत पासवान, जनक राम, श्रेयशी सिंह और जदयू नेता सुनील कुमार सिंह, मदन सहनी, लेसी सिंह, शीला मंडल, जयंत राज अशोक चौधरी और संजय झा के नाम की चर्चा है।
रविवार को इन नेताओं ने ली थी शपथ
बता दें कि नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तथा विजय कुमार सिन्हा के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रेम कुमार, जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के विजेंद्र यादव, श्रवण कुमार और विजय कुमार चौधरी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने मंत्री के तौर पर रविवार को शपथ ली थी। रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद कुमार ने कहा था कि अब राजग को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है।
नीतीश बोले- अब एनडीए के साथ रहेंगे
नीतीश कुमार ने कहा कि ‘मैं पहले भी उनके (राजग) साथ था। हम अलग-अलग रास्तों पर चले गए, लेकिन अब हम साथ हैं और रहेंगे। मैं जहां (राजग) था, वहां वापस आ गया और अब कहीं और जाने का सवाल ही नहीं उठता। इस बीच, भाजपा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का प्रतिनिधित्व करने वाले अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा है। नोटिस में भाजपा नेताओं ने वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष में विश्वास की कमी व्यक्त की है क्योंकि नयी सरकार सत्ता में आ गई है।