चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी को पूरी तरह से असफल बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाजवादी और गांधीवादी होने का ढोंग करते हैं। यह बात उन्होंने अपनी जन सुराज पदयात्रा पर शिवहर पहुंचकर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा। उन्होंने बताया कि हमने पदयात्रा के दौरान देखा कि लोग गांव में आसानी से शराब पी रहे हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के करीबी अधिकारी और मंत्री खुद शराब पीते हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब कोई शराब नहीं पी रहा है तो छपरा में 70 लोगों की मौत कैसे हुई। यहां तक नीतीश कुमार के मंत्री-विधायक मृतकों के परिजनों से मिलने तक नहीं जा रहे हैं।
नीतीश कुमार अपनी सुविधा के अनुसार गांधीजी का इस्तेमाल करते हैं
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर सियासी हमला बोलते हुए सवाल किया कि नीतीश कुमार यदि आप गांधीजी को जरा भी जानते हैं तो दिखा दीजिए जहां महात्मा गांधी ने राज्य में शराबबंदी लागू करने को लेकर बात कही हो। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी सुविधा के अनुसार गांधीजी का इस्तेमाल करते हैं। कभी असुविधा होती है तो भाजपा के साथ बैठ जाते हैं, अगले दिन समाजवादी बनकर फिर लालू प्रसाद के साथ बैठ जाते हैं। किशोर ने कहा कि नीतीश समाजवाद का ढोंग करके, अब शराबबंदी लागू कर गांधीवादी बनने की कोशिश कर रहे हैं।
लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर रहते हैं प्रशांत किशोर
इससे पहले बिहार में हुए जहरीली शराब से मौत को लेकर प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी कानून को 48 घंटे के भीतर वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद के कारण ही शराब त्रासदी हो रही है। बिहार में शराबबंदी को लागू करना पूरी तरह से विफल रहा है। यह बिहार में हर जगह उपलब्ध है। यहां तक कि नीतीश कुमार के साथ रहने वाले अधिकारी भी घर में शराब पीते थे। मैं दो साल मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में रहा और मैं उनकी गतिविधियों को जानता हूं।