बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी सरनेम’ वाली टिप्पणी पर 2019 के मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगा दी गई है। तेजस्वी यादव का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कांग्रेस का सहयोगी रहा है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए अपनी खुशी व्यक्त की और अंत में संस्कृत में "सत्यमेव जयते" और हैशटैग "इंडिया" लिखा।
इंडिया हाल में बना विपक्षी दलों का गठबंधन है। उन्होंने ट्वीट किया, "माननीय सुप्रीम कोर्ट का राहुल गांधी जी के संदर्भ में लिया गया फैसला स्वागत योग्य है। अगर बीजेपी के दुष्प्रचारी एवं 'कॉम्प्रोमाइज्ड' तंत्र को ये झटका नहीं लगता तो कई और विपक्षी नेताओं को ये साजिशों व षड्यंत्रों के तहत विधायिका से बाहर रखने की जालसाजी जारी रखते। सत्यमेव जयते! 'इंडिया'।"
सीबीआई के आरोप पत्र का सामना कर रहे तेजस्वी
राजद नेता जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में सीबीआई के आरोप पत्र का सामना कर रहे हैं। यह उस समय का मामला है जब उनके पिता लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, हालांकि तब तेजस्वी यादव नाबालिग थे। शीर्ष अदालत के फैसले का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) ने भी स्वागत किया, जिन्होंने पिछले साल बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ने के बाद विपक्षी एकता अभियान शुरू किया था।"न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट को सलाम"
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने ट्वीट किया, "राहुल गांधी जी को बधाई। माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया है कि अंततः न्याय की जीत होती है। न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट को सलाम।" शीर्ष अदालत ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसने राहुल गांधी की मोदी सरनेम टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।
कर्नाटक में चुनावी रैली के दौरान राहुल ने की थी टिप्पणी
गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 में गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी ‘‘सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है?’’, को लेकर आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने ये टिप्पणी की थी। पूर्णेश मोदी के अलावा देशभर के कई अन्य बीजेपी नेताओं ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। ऐसा ही एक मामला यहां बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दर्ज कराया है।