पटना: रविवार को पटना में छात्र आरजेडी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें तेज प्रताप यादव मुख्य अतिथि थे। लेकिन, इस कार्यक्रम के पोस्टर में तेजस्वी की तस्वीर नहीं थी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है? क्या लालू के दोनों बेटों- तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है?
कार्यक्रम में छात्र आरजेडी के कई पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष और विश्वविद्यालय अध्यक्ष शामिल हुए। आरजेडी दफ्तर में कार्यक्रम के लिए छात्र आरजेडी की ओर से बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगाए गए थे। पोस्टरों में तेज प्रताप के साथ-साथ आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भी जगह दी गई थी। इसके साथ ही छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को भी पोस्टर में जगह दी गई।
लेकिन, चौंकाने वाली बात यह रही कि पोस्टर से आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बाहर रखा गया। उनकी तस्वीर पोस्टर में नहीं लगाई गई। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या दोनों भाइयों- तेजप्रताप और तेजस्वी में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, जिसकी वजह से तेजप्रताप ने पोस्टरों से तेजस्वी को आउट कर दिया? बता दें कि तेजप्रताप छात्र आरजेडी के संरक्षक हैं।
हालांकि, तेज प्रताप यादव ने वर्चस्व की लड़ाई की बातों से इनकार कर दिया। मामले में तेजप्रताप ने कहा, ''तेजस्वी मेरे दिल में हैं। होर्डिंग और पोस्टर से क्या होता है? तेजस्वी मेरे अर्जुन हैं और होने वाले मुख्यमंत्री हैं।'' वहीं, पोस्टर से तेजस्वी को आउट किए जाने को लेकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी तंज कसा है।
JDU प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा लालू परिवार में सभी अवसरवादी हैं। उन्होंने कहा, ''लालू परिवार हमेशा अवसरवादी होने का सबूत पेश करता है। चुनाव से पहले तेजस्वी ने लालू और राबड़ी की फोटो पोस्टर से हटा दिया तो चुनाव हारने के बाद लालू-राबड़ी की तस्वीर को पोस्टर पर वापस ले आए। अब तेज प्रताप ने अपने भाई को ही पोस्टर से बाहर निकाल दिया है।''