पटना: राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। तेजस्वी ने आरोप लगाया गया है कि बिहार में फर्जी कोरोना टेस्ट दिखाकर नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपये का घोटाला किया है। तेजस्वी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘बिहार की आत्माविहीन भ्रष्ट नीतीश कुमार सरकार के बस में होता तो कोरोना काल में गरीबों की लाशें बेच-बेचकर भी कमाई कर लेती।’
‘टेस्टिंग दिखाकर अरबों रुपये का हेर-फेर किया’
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि एक अखबार की जांच में यह साफ हो गया है कि सरकारी दावों के उलट कोरोना टेस्ट हुए ही नहीं और मनगढ़ंत टेस्टिंग दिखाकर अरबों रुपये का हेर-फेर कर दिया। तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में आगे लिखा, ‘हमारे द्वारा जमीनी सच्चाई से अवगत कराने के बावजूद मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बड़े अहंकार से दावे करते थे कि बिहार में सही टेस्ट हो रहे हैं। टेस्टिंग के झूठे दावों के पीछे का असली खेल अब सामने आया है कि फर्जी टेस्ट दिखाकर नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपयों का बंदरबांट किया है।’
’25 दिन में टेस्टिंग का आंकड़ा 2 लाख के पार’
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैंने पहले ही बिहार में कोरोना घोटाले की भविष्यवाणी की थी। जब हमने घोटाले का डेटा सार्वजनिक किया था तो CM ने हमेशा की तरह नकार दिया। इन्होंने अधिकारी बदल Anti-gen का वो ‘अमृत’ मंथन किया कि 7 दिनों में प्रतिदिन टेस्ट का आंकड़ा 10 हजार से 1 लाख और 25 दिनों में 2 लाख पार करा दिया।’ बता दें कि तेजस्वी लगातार नीतीश कुमार की सरकार पर घोटाले का आरोप लगाते रहे हैं। तेजस्वी सार्वजनिक तौर पर कई बार नीतीश कुमार को 'भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह' बता चुके हैं। गौरतलब है कि बिहार में कोरोना टेस्ट को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल खड़ा करते रही है।