पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को 7 निश्चय के तहत चलाई जा रही 'हर घर नल का जल' योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। तेजस्वी ने कहा कि कटिहार में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के रिश्तेदारों को इसके टेंडर दिए गए हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि 7 निश्चय के तहत क्रियान्वित 'हर घर नल का जल' बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। तेजस्वी द्वारा लगाए गए आरोपों को आधारहीन बताते हुए प्रसाद ने कहा कि स्कीम की सफलता से घबराहट में विपक्ष अनर्गल प्रलाप कर रहा है।
तेजस्वी ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब थक चुके हैं, वे क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म से समझौता करने को तैयार हैं। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार की तरफ से डिप्टी सीएम पर लगे आरोपों को लेकर कोई कारवाई नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य की नल जल योजना 'नल धन योजना' बन गई है। तेजस्वी ने पटना में कहा कि नल जल योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। तेजस्वी ने कहा कि RJD के कटिहार के नेता राम प्रकाश महतो ने इसकी जानकारी अगस्त 2020 में ही दी थी। उसके बाद मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर भी उन्होंने योजना में गड़बड़ी की शिकायत की थी।
उल्लेखनीय है कि नल जल योजना में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के साले, बहू व रिश्तेदारों को करीब 53 करोड़ रुपये का ठेका दिए जाने का आरोप लगाया गया है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सिर्फ तारकिशोर प्रसाद ही नहीं कई जदयू और भाजपा के कई नेताओं और उनके संबंधियों को नल जल योजना के तहत लाभ पहुंचाया गया है।
तेजस्वी ने कहा कि जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड, दोनों कम्पनियों के डायरेक्टर उपमुख्यमंत्री के साले और दामाद हैं। इन दोनों कंपनियों को 48 करोड़ रुपये और 3 करोड़ 60 लाख रुपये का काम दिया गया है। कंपनियों के रजिस्टर्ड पते पर कंपनी का कोई साइनबोर्ड नहीं है। इन कंपनियों को किसी भी तरह के सरकारी काम करने को लेकर कोई अनुभव भी नहीं है। उन्होंने नियम का हवाला देते हुए कहा कि ठेका उन्हीं को मिलता है जिन्हें सरकारी कार्य का अनुभव होता है कि लेकिन कटिहार में उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदारों की जिन कंपनियों को ठेका दिया गया है, उन्हें कोई अनुभव नहीं है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इन आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे ऊपर लगाया गया आरोप तथ्यहीन एवं बेबुनियाद हैं और राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि 7 निश्चय के तहत क्रियान्वित 'हर घर नल का जल' बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने कहा कि इस योजना से प्रत्येक घरों में नल से पेयजल की आपूर्ति करनी है। उन्होंने कहा कि स्कीम की सफलता से घबराहट में विपक्ष अनर्गल प्रलाप कर रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आरोपों में दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्च र प्राइवेट लिमिटेड एवं जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्च र प्राइवेट लिमिटेड का जिक्र किया गया है, उन प्रतिष्ठानों अथवा कंपनियों में मेरे परिवार या ससुराल के कोई सदस्य शामिल नहीं है।
प्रसाद ने कहा कि कटिहार जिला के क्रियान्वित लगभग 2800 स्कीमों में से भवाड़ा पंचायत के 4 वाडरें में सिर्फ चार स्कीम का कार्य मेरे परिवार की पूजा कुमारी द्वारा किया गया है, जिसका ठेका सरकार की मार्गनिर्देशिका के अनुसार पी.डब्ल्यू.डी. कोड, निविदा प्रक्रिया एवं नियमों के मुताबिक वर्ष 2019 में ही किया गया है। उन्होंने बताया कि यह ठेका नवंबर 2019 में हुआ, जिसके तहत 1 करोड़ 87 लाख 8 हजार 766 रूपये का कॉन्ट्रैक्ट हुआ। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत कार्य भी एक वर्ष पूर्व समाप्त हो गए। उन्होंने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के पूर्व ही चारों स्कीमों के कार्य संपन्न हो चुके थे।