पटना: अपने ही घर में और अपने ही पिता की खड़ी की गई राजनीतिक पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल में हाशिए पर चल रहे आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर वह अपने भाई तेजस्वी यादव से आर पार करने के मूड में हैं। इस बार तेज प्रताप इतने गुस्से में हैं कि विवाद सुलझाने में वह अपनी मां राबड़ी देवी का भी साथ नहीं चाहते। बिना मां का आशीर्वाद लिए तेज प्रताप यादव ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर पदयात्रा निकाल दी, जबकि इससे पहले तेज प्रताप ने कहा था कि वह अपनी मां से आशीर्वाद लेकर पदयात्रा की शुरुआत करेंगे।
तेज प्रताप की जनशक्ति यात्रा पटना के गांधी मैदान से जेपी आवास तक हुई। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119वीं जयंती के मौके पर हुई जनशक्ति यात्रा में छात्र जनशक्ति संगठन के सदस्य शामिल हुए जिसे तेज प्रताप ने ही बनाया है। इससे पहले रविवार को तेज प्रताप यादव अपने छोटे भाई तेजस्वी के खासमखास रहे संजय यादव के उपचुनाव के लिए पर्चा भरने फिर नामांकन वापस लेने पर तंज कसा।
तेज प्रताप ने ट्वीट किया, "मेरे लिए चुनाव में आदरणीय तेज प्रताप यादव जी प्रचार करेंगें-संजय यादव, जनता के लिए संजय यादव जी ने अपनी उम्मीदवारी वापिस ली-पार्टी, ना मैंने कुछ कहा ना लिखा तो इसमें मेरा क्या रोल था या है? हरियाणवी स्क्रिप्ट राईटर तुम ये फालतू की सी ग्रेड कहानी कहीं और लिखना. बिहारी सब समझतें हैं।”
बता दें कि बिहार में उप चुनाव के लिए आरजेडी ने जो स्टार प्रचारकों की लिस्ट तैयार की है उसमें न तो तेज प्रताप का नाम है न राबड़ी देवी का और न हीं उनकी बहन मीसा भारती का। तेज प्रताप ने खुद के लिए सवाल नहीं उठाया था लेकिन मां और बहन को स्टार प्रचारक नहीं बनाए जाने पर सवाल उठाए थे।
वहीं, तेज प्रताप ने जिस छात्र जनशक्ति संगठन को बनाया है उसे आरजेडी ने मान्यता नहीं दी है, इस संगठन का सिंबल तेज प्रताप ने लालटेन रखा है तो आरजेड़ी ने इसपर भी सवाल उठाया था। आरजेडी नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा था कि तेज प्रताप आरजेडी में हैं ही नहीं, उन्होंने अपना अलग संगठन बना लिया है।