पटना: बिहार के एक मंत्री एवं जदयू नेता ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के पुत्र तेज प्रताप जब महज चार साल के थे, तभी राजद प्रमुख ने उनके नाम पर, लोगों से नौकरी के बदले जमीन लिखवा ली थी। राज्य के सूचना जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने पटना स्थित जदयू प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जमीन संबंधी कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए यह आरोप लगाया। उन्होंने चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता एवं वर्तमान में रांची के एक अस्पताल में इलाजरत लालू पर आरोप लगाते हुए कहा, ''वर्ष 1989 में पैदा हुए तेज प्रताप के नाम पर लालू ने 1993 में फुलवरिया के लोगों से नौकरी के बदले 3 कट्ठा 11 धुर और 6 कट्ठा जमीन लिखवा ली, जिसमें खरीददार के रुप में तेजप्रताप यादव और तरुण कुमार यादव वल्द लालू प्रसाद यादव नाम दर्ज है। तब तेज प्रताप की उम्र केवल चार साल थी।’’
नीरज ने सवाल किया, '‘तरुण कुमार यादव कौन है, कहाँ है और तेज प्रताप के साथ साझे में ली गई जमीन में दोनों के पिता के नाम की जगह लालू यादव का नाम कैसे दर्ज है?’’ उन्होंने आरोप लगाया ''इसके अलावा, तेजप्रताप के नाम एक फरवरी 1994 को भी बलम चौधरी से 2 कट्ठा 16 धुर जमीन लिखवायी गयी थी। इन सभी रजिस्ट्री में अभिभावक के रूप में किसी का कोई उल्लेख नहीं है। यह सीधे-सीधे बाल उत्पीड़न का मामला बनता है कि आखिर नाबालिग के नाम पर, बिना अभिभावक के उल्लेख के, इन्होंने जमीन कैसे लिखवाई ?’’
उल्लेखनीय है कि कट्ठा और धुर जमीन की माप की इकाई है, जिसके तहत 20 धुर का एक कट्ठा होता है। राजद प्रमुख पर नीरज ने यह भी आरोप लगाया ''लालू यादव ने अपने सगे बड़े भाई दिवंगत मंगरु यादव के बेटों से चार नवंबर 2003 को नाबालिग तेज प्रताप के नाम 8 कट्ठा 17 धुर जमीन लिखवा ली थी।’’ उन्होंने आरोप लगाया ''लालू को बेनामी संपत्ति अर्जित करने का इस हद तक लालच था कि उन्होंने तेजप्रताप और तेजस्वी के अलावा एक और तीसरे बेटे तरुण कुमार यादव के नाम जमीन लिखवा ली, जिसका कहीं कोई अता पता नहीं है''। वहीं, राजद ने नीरज के आरोप को "बेतुका और आधारहीन" बताते हुए कहा कि लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हटाने के इरादे से यह सब किया जा रहा है।