देश की 18वीं संसद के सदस्यों का चयन हो चुका है। सदस्यों ने अपना प्रतिनिधि भी चुना लिया है और एनडीए गठबंधन सत्ता में आ चुका है। अब संसद में नए सांसदों का शपथ लेना और लोकसभा स्पीकर का चयन बाकी है। लोकसभा स्पीकर का पद संसद में बेहद अहम होता है। इसी वजह से सभी दल चाहते हैं कि लोकसभा में स्पीकर उनकी पार्टी का हो। एनडीए की सरकार बनने से पहले खबरें आई थीं कि तेलगू देसम पार्टी अपने दल के किसी नेता को लोकसभा स्पीकर बनाना चाहती है। इसके बाद कांग्रेस ने भी कहा कि लोकसभा स्पीकर भारतीय जनता पार्टी का नहीं, बल्कि किसी सहयोगी दल का होना चाहिए।
अब जनता दल यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी ने साफ कर दिया है कि लोकसभा स्पीकर वही नेता बनेगा, जिसका नाम बीजेपी आगे करेगी। दिल्ली में लोकसभा स्पीकर के चयन को लेकर सवाल किए जाने पर जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा "टीडीपी और जेडीयू, एनडीए के साथ हैं। हम उस नेता का समर्थन करेंगे, जिसे बीजेपी नॉमिनेट करेगी।"
क्यों अहम है केसी त्यागी का बयान ?
लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सीटें जरूरी हैं और भारतीय जनता पार्टी के पास 240 सीट हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को एनडीए गठबंधन के सहयोगियों की जरूरत पड़ी। एनडीए के सभी सहयोगियों ने साथ दिया और 290 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के साथ बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। हालांकि, इस सरकार में जेडीयू के 12 और टीडीपी के 16 सांसदों का समर्थन बेहद अहम है। अगर ये दोनों पार्टियां समर्थन वापस लेती हैं तो बीजेपी की अगुआई वाली एनडीए सरकार गिर सकती है। हालांकि, केसी त्यागी के बयान से साफ है कि एनडीए गठबंधन मजबूती के साथ एकजुट है और भारतीय जनता पार्टी ही यह तय करेगी कि लोकसभा का स्पीकर कौन होगा।