बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नौकरी के नाम पर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि एक 'सुपर सीएम' और सात दलों के दबाव में काम करने वाली महागठबंधन सरकार जब नियुक्ति संबंधी चार आयोगों के चंद शीर्ष प्रशासनिक पदों पर ही बहाली नहीं कर पायी, तब वह रिक्त पदों पर 4.5 लाख और नये पदों पर 5.5 लाख नियुक्तियां कैसे कर पाएगी? मोदी ने आगे कहा कि कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के तेजस्वी प्रसाद यादव के वादे का गुब्बारा पंक्चर होने वाला है।
एनडीए सरकार के समय की बहाली
उन्होंने कहा कि जब नियुक्ति करने वाले चार आयोगों के शीर्ष प्रशासनिक पद ही आधे से ज्यादा खाली पड़े हैं और ये कछुआ चाल से काम कर रहें, तब बिहार सरकार 25 साल में भी 10.50 लाख लोगों को नौकरी नहीं दे पाएगी। भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार उन युवाओं को नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं, जिनकी बहाली प्रक्रिया एनडीए सरकार के समय ही पूरी हो चुकी थी। पूरा इवेंट मैनेजमेंट केवल दूसरों के काम का श्रेय हाइजैक करने के लिए है।
समय से नियुक्ति नहीं होने पर उठाया सवाल
सांसद ने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) के 6 में से 3 सदस्य कार्यरत हैं। एक पद 22 माह से और दो पद 6 माह से खाली है। मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग को सहायक प्रोसेसर के 4,638 पदों पर नियुक्ति करनी थी, लेकिन तीन साल की अवधि बीतने पर आयोग बमुश्किल 300 लोगों का चयन कर पाया। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले के पेपर लीक कांड में दोषी पाए गए कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष तीन साल बाद जेल से छूटे। आयोग के सचिव अब भी जेल में हैं। इस चार सदस्यीय आयोग के दो पद खाली हैं। मोदी ने कहा कि तकनीकी सेवा आयोग डेढ़ साल से कामचलाऊ अध्यक्ष के सहारे है। सरकार एक स्थायी अध्यक्ष तक नहीं नियुक्त कर पायी।