बिहार: राज्य के मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले RJD के विधान परिषद के सदस्य सुनील सिंह को अमित शाह के संपर्क में होने का आरोप लगाया था। इसके बाद इन दोनों के बीच तकरार शुरू हो गई। अभी यही मामला शांत नहीं हुआ था कि प्रशासन ने एक गलती कर दी। इस गलती के बाद सुनील सिंह और भड़क उठे।
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल स्वतंत्रता दिवस के संबंध में आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सुनील सिंह को न्योता भेजा गया। इस निमंत्रण पत्र पर प्रशासन ने सुनील सिंह को विरोधी दल का नेता लिखकर कार्ड भेज दिया। कार्ड पर विरोधी दल का उप मुख्य सचेतक लिखे जाने से सुनील सिंह नाराज हो गए। इसके बाद उन्होंने IAS अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'ये उसने जान-बूझकर किया है।' सुनील सिंह ने कार्ड पर माननीय नहीं लिखे जाने पर भी आपत्ति जताई।
उनकी आपत्ति के बाद उन्हें दूसरा कार्ड भेजा गया मगर इसमें उन्हें संसदीय कार्य विभाग का उप मुख्य सचेतक लिखा गया, जबकि ऐसा को पद ही नहीं है। इससे नाराज सुनील ने बिहार विधान परिषद के सभापति को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज़ कराई है।
इंडिया टीवी से बात करते हुए RJD एमएलसी सुनील सिंह ने कहा
क्या माननीय मुख्यमंत्री के बयान के आधार पर अधिकारी ने यह समझ लिया कि हम विरोधी दल में हैं। अमित शाह जी से हमारी भेंट सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में होती है और अगर हमारी मुलाकात होती है तो क्या हमको तालाब में कूद जाना चाहिए या फिर परदे में छिप जाना चाहिए।
वो इतने पर ही नहीं रूकें, उन्होंने आगे कहा, अधिकारी सामान्य शिष्टाचार भी भूल गए हैं। ऐसा अगर गलती से हुआ तो जब दुबारा कार्ड आया तो उसमें भी माननीय नहीं जोड़ा गया और उप मुख्य सचेतक, संसदीय कार्य विभाग लिख दिया। ऐसा कोई पद ही नहीं है। सरकार माने या ना माने, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारे लीडर लालू जी और तेजस्वी जी हैं, मैं उनके नेतृत्व में काम करता हूं और बाकी कोई नेता नहीं है।
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