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बिहार: छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 35 हुई, गरमाई सियासत

प्रशासन का कहना है कि अधिकारियों की टीम गठित की गई है जो प्रभावित गांवों का दौरा करेगी। यह टीम प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका पता लगाने का प्रयास करेंगी जिन्होंने संभवत: जहरीली शराब परोसी होगी।

Edited By: Niraj Kumar
Updated on: December 15, 2022 11:21 IST
बिहार: छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 30 हुई- India TV Hindi
Image Source : एएनआई बिहार: छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 30 हुई

पटना: सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है। छपरा के पास मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र में इन लोगों की मौत हुई है। इससे पहले कल इस घटना को लेकर  राज्य विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। बता दें कि नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। पूर्ण शराबबंदी के बाद भी राज्य में शराब का कारोबार जारी है। समय-समय पर जहरीली शराब से मौत की घटनाएं सामने आती रहती हैं।

सारण के सिविल सर्जन-सह-चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा ने कहा, ‘ज्यादातर लोगों की मौत जिला मुख्यालय छपरा में स्थित अस्पताल में हुई है। कुछ लोग जो मंगलवार सुबह से ही बीमार थे, उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।’चूंकि यह संदेह है कि मरने वाले सभी लोगों ने कुछ नशा किया था, पोस्टमार्टम के बाद उनके बिसरा का नमूना परीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर भेजा जा रहा है। इसबीच, जिला प्रशासन ने कहा कि उसने अधिकारियों की टीम गठित की है जो प्रभावित गांवों का दौरा करेगी और प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका पता लगाने का प्रयास करेंगी जिन्होंने संभवत: जहरीली शराब परोसी होगी। 

इससे पहले बुधवार को विधानसभा के अंदर विपक्षी दल बीजेपी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तीखी बहस देखने को मिली। बीजेपी विधायकों ने विधानसभा के अंदर हंगामा किया। इस दौरान उनमें से कई ने सरकार पर अवैध शराब की बिक्री को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। बीजेपी विधायकों ने सारण की घटना में जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने की मांग की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुस्से में अपनी कुर्सी से उठकर भाजपा विधायकों की ओर उंगली उठाकर आरोप लगाते नजर आए।

भाजपा सदस्यों ने मुख्यमंत्री से माफी की मांग की, जो उस समय अपनी कुर्सी पर नहीं थे। भाजपा विधायक शून्यकाल शुरू होने पर सदन से बहिर्गमन कर गए। सदन के बाहर, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, 'मुख्यमंत्री को हमारी (भाजपा) वजह से वर्तमान कार्यकाल मिला था, लेकिन उन्होंने हमें धोखा दिया और उनमें (राजद में) शामिल हो गए, जिन पर वह ‘जंगल राज’ का आरोप लगा रहे थे। उनकी संगति में रहकर उन्होंने उनके तौर-तरीके अपना लिए हैं। यह सदन के पटल पर हमारे खिलाफ इस्तेमाल की गई डराने-धमकाने वाली व अपमानजनक भाषा से जाहिर होता है।' 

हालांकि, राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, 'भाजपा सदस्यों को यह समझना चाहिए कि बिहार में शराब का सेवन करना एक अपराध है और इससे होने वाली मौतों की भरपाई नहीं की जा सकती। यह शराब के सेवन को अपना समर्थन देने के समान होगा।' राज्य के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने भाजपा के इस आरोप पर आपत्ति जताई कि शराब बंदी का उल्लंघन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि उल्लंघन करने वालों को सरकार का 'संरक्षण' प्राप्त है।मंत्री ने कहा, 'जब भाजपा हमारी सहयोगी थी, तो उनके नेताओं ने कभी ऐसा आरोप नहीं लगाया। उन्हें याद रखना चाहिए कि आईपीसी और सीआरपीसी के तहत दंडनीय अपराध बंद नहीं हुए हैं, भले ही ये संहिता ब्रिटिश राज के बाद से मौजूद हैं।'

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