नयी दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने पार्टी में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि पापा ने पार्टी भरोसे और विश्वास के साथ बनाई थी लेकिन आज भरोसा टूट रहा है। इसको मैं किसी भी हाल में ऐसे नहीं देख सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैं लंबी लड़ाई लड़ूंगा और जो भी कुछ हो सकता है कानूनी तौर पर वो किया जाएगा। चिराग ने कहा कि मैं एक शेर का बेटा हूं, जब उस समय विधानसभा चुनाव में अकेले जा सकता हूं तो आज तो साथियों, पदाधिकारियों, बिहार की जनता के आशीर्वाद के साथ हूं।
चिराग पासवान ने पार्टी में चल रही उठा पटक पर कहा कि इसमें जेडीयू का हाथ लग रहा है। जेडीयू की हमेशा कोशिश रही है कि बांटो और शासन करो। उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले गुट द्वारा लिए गए फैसलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पार्टी का संविधान उन्हें ऐसा कोई अधिकार नहीं देता है।
विभाजन के लिए जद (यू) को दोषी ठहराते हुए, उन्होंने इस घटनाक्रम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की भूमिका के बारे में सवालों से किनारा कर लिया और कहा कि जो हुआ है वह एक आंतरिक मामला है, जिसके लिए वह दूसरों को निशाना नहीं बनाएंगे। पासवान ने कहा कि यह एक लंबी लड़ाई होने जा रही है।
उन्होंने कहा कि क्योंकि एलजेपी के स्वामित्व का दावा करने के लिए उनके नेतृत्व वाले समूह की लड़ाई पारस के नेतृत्व में पार्टी के पांच अन्य सांसदों के गुट से है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता रामविलास पासवान जब जीवित थे तब भी जद (यू) एलजेपी को बांटने के काम में लगी थी, जब मैं बीमार था तब भी साजिश रची गई थी।’’
प्रिंस को लेकर उन्होंने कहा कि वो कभी ऐसा करेगा सोचा भी नहीं था। प्रिंस के ऐसा करने पर मैं व्यक्तिगत तौर पर काफी दुखी हूं। उन्होंने कहा कि जब प्रिंस पर आरोप लगे तो मैंने खुद युवती और प्रिंस से बात की थी। इसके बाद ही मैंने उन्हें पुलिस के पास जाने की सलाह दी थी। प्रिंस मेरे भाई नहीं बेटे जैसा है। पारस के एकतरफा निर्णय के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि यदि उन्हें कुछ गलत लगा था तो कहना चाहिए था आपत्ति करनी चाहिए थी।
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