बिहार में अप्रैल 2016 से नीतीश कुमार की सरकार ने पूर्ण शराबबंदी कर रखी है। इस बीच, प्रशासनिक दबाव के बावजूद शराब के तस्करों की ओर से नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिससे उत्पाद विभाग और स्थनीय पुलिसकर्मियों को चकमा दिया जा सके। ऐसा ही एक मामला मांझी चेकपोस्ट से शुक्रवार की देर रात सामने आया, जहां तस्कर 102 नंबर की एम्बुलेंस से शराब की तस्करी कर रहे थे। देर रात मांझी चेकपोस्ट पर सीसीटीवी और हैंडहेल्ड स्कैनर के जरिए शराब की खेप को जब्त किया गया। एम्बुलेंस में विशेष तहखाना बनाकर शराब को छिपाकर लाया जा रहा था।
शव ढोने वाले सभी तरह के उपकरण को रखा
शराब तस्करों की ओर से पुलिस और उत्पाद विभाग को चकमा देने के लिए एम्बुलेंस में शव ढोने वाले सभी तरह के उपकरण को रखा गया था। एम्बुलेंस का दरवाजा खोलने पर डेड बॉडी पैकिंग करने वाले सभी सामान को ऐसे सजाकर रखा गया था जैसे मानो शव को एम्बुलेंस में रखा गया हो। मांझी चेकपोस्ट पर देर रात राजस्थान नंबर की एम्बुलेंस देखने के बाद पुलिसकर्मी सक्रिय हुए और एम्बुलेंस को रोका। एम्बुलेंस चालक ने शव लेकर आने की बात कही, लेकिन हाव-भाव और एम्बुलेंस को देखकर गहनता से जांच की गई, तो एम्बुलेंस की छत में विशेष तहखाना बनाकर शराब छिपाया गया था। खास तौर से बनाए गए तहखाना में 85 कार्टुन विदेशी शराब छिपाकर रखा गया था, जिसकी कीमत करीब 18 लाख रुपये आंकी गई।
मुजफ्फरपुर लेकर जा रहे थे शराब की खेप
उत्पाद अधीक्षक रजनीश कुमार ने बताया कि मध्य रात्रि एम्बुलेंस मांझी चेकपोस्ट के रास्ते शराब लेकर हरियाणा से बिहार आ रही थी। एम्बुलेंस की गतिविधि पर शक हुआ, तो हैंडहेल्ड स्कैनर से जांच की गई, जिसमें भारी मात्रा में शराब बरामद हुई। साथ ही दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे पूछताछ की जा रही है। शराब की खेप की डिलीवरी मुजफ्फरपुर में देनी थी। फिलहाल पकड़े गए लोगों से पूछताछ के साथ मोबाइल सर्विलांस और टेक्निकल मदद ली जा रही है, जिससे बड़े नेटवर्क का खुलासा होने के आसार हैं।
- बिपिन बिहारी प्रसाद की रिपोर्ट