Liquor Ban in Bihar: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हों और इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हों, लेकिन अब सत्तारूढ़ महागठबंधन में ही शराबबंदी की कामयाबी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं।
'लोग सोचते हैं कि बिहार में शराबबंदी का असर नहीं'
एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने वैशाली पहुंचे उद्योग मंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर हमलोग आम जनता की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में पूरी तरह से शराबबंदी लागू हो, लेकिन शराब माफियाओं का सरकार के सामानंतर कारोबार चल रहा है, इसलिए लोग सोचते हैं कि बिहार में शराबबंदी का असर नहीं है। उन्होंने आगे साफ तौर पर कहा कि ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लोगों की जो पूर्ण शराबबंदी की उम्मीदें हैं, उसमें हमलोग कामयाब नहीं हुए हैं।
आंख बंद करने से सच्चाई नहीं छिप सकती: कांग्रेस नेता
इधर, कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी ने तो बिहार से शराबबंदी को हटाने तक की मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार में शराबबंदी है, तो फिर ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा है, लोग शराब पीकर मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंख बंद करने से सच्चाई नहीं छिप सकती हैं। प्रतिमा कुमारी ने आगे कहा सरकार को शराबबंदी नीति में बदलाव करनी चाहिए।
गौरतलब है कि इससे दो दिन पहले जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शराबबंदी को असफल करार देते हुए कहा था कि सरकार के कह देने मात्र से शराबबंदी सफल नहीं हो जाती है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा था कि शराबबंदी लागू कराने के लिए लोगों का सपोर्ट भी चाहिए। शराबबंदी को लेकर महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पहले से ही सवाल उठाते रहे हैं।