Highlights
- आरजेडी ने बीजेपी पर विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने और सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति में विफल रहने का आरोप लगाया।
- राष्ट्रीय जनता दल द्वारा अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस आशय को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
- बैठक में लालू प्रसाद द्वारा तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में बदलने की अटकलों पर भी विराम लगाने की मांग उठी।
पटना: बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए एक 'राजनीतिक मोर्चे' की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही राष्ट्रीय जनता दल ने भारतीय जनता पार्टी पर विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने और सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति में विफल रहने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय जनता दल द्वारा अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस आशय को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
इस बैठक की खास बात यह रही कि इसमें लालू यादव भी उपस्थिति रहे जोकि खराब स्वास्थ्य के बावजूद दिल्ली से आए थे। बैठक में लालू प्रसाद द्वारा खुद के बजाय उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में बदलने की अटकलों पर भी विराम लगाने की मांग उठी। इस अवसर पर तेजस्वी भी मौजूद रहे। अपने परिवार की मदद से पार्टी को नियंत्रित करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने बार-बार इस तरह की अटकलों को खारिज किया है। हालांकि, यह मामला 11 अक्टूबर तक अधर में लटकने की संभावना है क्योंकि इस दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव RJD के 'खुले सत्र' में होगा।
राष्ट्रीय जनता दल का ‘खुला सत्र’ दिल्ली में आयोजित होगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित कई पन्नों वाले प्रस्ताव में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मोर्चों पर देश की राजनीतिक स्थिति की एक गंभीर तस्वीर पेश की गई और 'धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के लिए प्रतिबद्ध एक मोर्चे के गठन का आह्वान किया गया।' RJD ने आरोप लगाया, 'बीजेपी, आरएसएस और वी. डी. सावरकर जैसे उसके विचारकों के मूल्यों में विश्वास करती है, जो दो राष्ट्र सिद्धांत के पक्ष में थे, जिसने देश के विभाजन के लिए आधार तैयार किया। यह आंबेडकर के समतावादी आदर्शों को मनुवादी एजेंडे से बदलना चाहती है।' (भाषा)