पटना: बिहार में सत्ता से बाहर होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल को झटके पर झटके मिलते जा रहे हैं। विश्वास मत के दौरान पार्टी के तीन विधायक साथ चचोद गए थे। इसके बाद अब और भी विधायक पार्टी का दामन छोड़कर अलग हो रहे हैं। इनमें से एक महिला विधायक ने पार्टी छोड़ने का कारण बताया है।
'RJD में मुझे दलित होने के कारण गाली दी जाती थी'
यह कोई और नहीं बल्कि मोहनिया से विधायक संगीता कुमारी हैं। उन्होंने गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि RJD में मुझे दलित होने के कारण गाली दी जाती थी, मान सम्मान नहीं था। मैं पढ़ी लिखी हूँ, गाली देकर कोई आवाज़ दबा देगा ऐसा नहीं हो सकता। अब दलित जाग चुके हैं। दलित अब अपने हक़ के लिए लड़ाई लड़ेगा।
मुझे पंचायत स्तर तक का निर्णय भी नहीं लेने दिया जाता था
संगीता कुमारी ने कहा कि विधायक होने के बाद भी मेरे पास इतनी ताकत नहीं थी कि मैं एक ग्राम पंचायत अधिकारी को अपने हिसाब से रख सकूं। गांव में काम कराने के लिए मुझे उनके पैर पकड़ने पड़ते थे। मेरे साथ ऐसा व्यवहार केवल इसलिए होता था क्योंकि मैं एक दलित महिला हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे पंचायत स्तर तक का निर्णय भी नहीं लेने दिया जाता था।
भभुआ क्षेत्र के राजद विधायक ने भी बदला पाला
वहीं आज शुक्रवार को भभुआ क्षेत्र के राजद विधायक भरत बिंद भी शुक्रवार को भाजपा के पाले में आ गए। बिहार में सरकार बदलने के बाद राजद के पांच विधायक भाजपा के पक्ष में आ चुके हैं। बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को विधानसभा में राजद के विधायक भरत बिंद सत्ता पक्ष की ओर आकर बैठ गए। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद फ्लोर टेस्ट के दौरान राजद के तीन विधायक प्रह्लाद यादव, चेतन आनंद और नीलम देवी ने एनडीए के पक्ष में वोट दिया था।
लोकतंत्र की हत्या की जा रही- आरजेडी
इसके बाद राजद की विधायक संगीता देवी भाजपा के पक्ष में आ चुकी हैं। कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरव और मुरारी गौतम भी भाजपा के पक्ष में आ चुके हैं। दूसरी तरफ राजद के प्रवक्ता शक्ति यादव ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। उन्होंने कहा कि यह कहीं से नियमानुकूल नहीं है। भाजपा कमजोर हो गई है, इस कारण वह पैसे के बल पर विधायकों को खरीद रही है।