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तेजस्वी ने कहा, सीएम नीतीश ने जाति जनगणना का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाने पर सहमति जताई है

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुक्रवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गए हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 30, 2021 23:43 IST
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Image Source : PTI तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमें बताया है कि वह जाति आधारित जनगणना की हमारी मांग से सहमत हैं।

पटना: बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुक्रवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गए हैं। तेजस्वी ने विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री से उनके कक्ष में मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उक्त बात कही। जाति आधारित जनगणना में केवल अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति शामिल होंगे, संसद में केन्द्र के इस बयान के बाद बिहार में राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को इस जनगणना में शामिल करने की मांग शुरू हो गयी है।

‘मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दिल्ली जा रहे हैं’

तेजस्वी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने हमें बताया है कि वह जाति आधारित जनगणना की हमारी मांग से सहमत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली के लिए जा रहे हैं। 2 अगस्त को वापसी के बाद वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगेंगे।’ RJD नेता तेजस्वी ने गुरुवार को कहा था, ‘‘हमलोगों का सुझाव है कि विधानसभा का एक सर्वदलीय शिष्टमंडल मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिलकर उनके समक्ष अपनी मांग रखे। अगर मुख्यमंत्री इसमें असमर्थता व्यक्त करते हैं, तो राज्य सरकार सभी जातियों की जनगणना करे जैसे कर्नाटक ने कुछ समय पहले किया था।’

नीतीश भी कर चुके हैं जाति आधारित जनगणना की वकालत
स्वयं ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नीतीश भी कई बार जाति आधारित जनगणना की वकालत कर चुके हैं और हाल ही में उन्होंने केंद्र से इस मुद्दे पर पुन:विचार का आग्रह किया था। इसके अलावा पूर्व में बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा जाति आधारित जनगणना के पक्ष में प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने दावा किया कि हमने यह भी प्रस्ताव दिया कि केंद्र की मांग पर सहमति नहीं होने की स्थिति में, राज्य को अपने दम पर इस तरह की कवायद करने पर विचार करना चाहिए जैसे कर्नाटक ने कुछ साल पहले किया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन वह इस विकल्प पर भी विचार करेंगे।

‘देश के लोग कहीं भी नौकरी पाने के लिए स्वतंत्र हैं’
कर्नाटक में 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा एक सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण, जिसे जाति आधारित जनगणना के समकक्ष के रूप में देखा जाता है, कराया गया था। RJD नेता से तमिलनाडु में सत्तारूढ़ DNK के एक सांसद द्वारा बिहारियों के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद बयान नहीं सुना है।’ उनके पिता लालू प्रसाद के रेलमंत्रित्व काल में बिहार के लोगों का पक्ष लेने का आरोप लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा कि ऐसी बातें नहीं कही जानी चाहिए। देश के सभी हिस्सों के लोग जहां चाहें नौकरी हासिल करने या अवसर पाने के लिए स्वतंत्र हैं।

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