पटना: बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने मंगलवार को चुनाव आयोग से ‘‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए’’ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के स्थान पर मतपत्रों की पुरानी प्रथा को वापस लाने पर विचार करने का आग्रह किया। राजद ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता वाले चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष इस आशय का अनुरोध किया।
राजद ने चुनाव आयोग से कही ये बात
दरअसल, चुनाव आयोग का प्रतिनिधि मंडल राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर है। वहीं दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। इस मौके पर राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष वृषण पटेल, प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन और प्रदेश महासचिव मुकुंद सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पार्टी के एक ज्ञापन के अनुसार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव मतपत्र के माध्यम से आयोजित किए जाने चाहिए। हालांकि पार्टी ने यह भी कहा कि जब तक ईवीएम उपयोग में रहेगी, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वोट डालने के बाद संबंधित मतदाताओं को वीवीपैट पर्चियां दिखाई जाएं और गिनती होने तक इन्हें एक सीलबंद बॉक्स में रखा जाए। राजद ने यह भी मांग की कि डाक मतपत्र के माध्यम से प्राप्त वोटों की गिनती हमेशा ईवीएम से पहले की जानी चाहिए।
जेडीयू ने उठाया ये मुद्दा
वहीं जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि ‘‘हमने चुनाव आयोग से बिहार में सात चरणों में चुनाव कराने की प्रथा को खत्म करने का आग्रह किया। इससे राज्य के संसाधनों पर अधिक बोझ पड़ता है। हमने अनुरोध किया है कि राज्य में तीन से अधिक चरणों में मतदान पूरा नहीं किया जाए।’’ वहीं भाकपा माले द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पार्टी ने ईवीएम के बजाए मतपत्रों के माध्यम मतदान की मांग की और सामंती प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में कम मतदान को भी चिह्नित करते हुए दलितों और अन्य कमजोर वर्गों के निवास वाले इलाकों में मतदान केंद्र स्थापित किए जाने की मांग की है। ऐसे स्थानों पर उचित भवन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में मोबाइल मतदान केंद्रों की स्थापना की जाए।
(इनपुट- भाषा)
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