Highlights
- बिहार में नए स्वरूप का एक भी मामला सामने नहीं आया है
- महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश ने निषेधाज्ञा और रात के कर्फ्यू जैसे कदम उठाए हैं
- भारत में अब तक ओमीक्रोन के 415 मामलों का पता चला है
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच राज्य में ‘उत्तर प्रदेश की तरह रात के कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधात्मक कदम उठाने’ की किसी भी संभावना से शनिवार को इनकार किया। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ प्रशासन द्वारा रात के कर्फ्यू की शुरुआत के बारे में पूछे जाने पर कुमार का संक्षिप्त जवाब था, ‘‘यहाँ अभी कोई आवश्यकता नहीं है।’’
बिहार ने इसी तरह के उपायों को अपनाया था, जब कोविड-19 पहली बार 2020 में आया और फिर इस साल की शुरुआत में जब संक्रमण की दूसरी लहर ने तबाही मचाई। उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने निषेधाज्ञा और रात के कर्फ्यू जैसे कदम उठाए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक कम से कम ओमीक्रोन के 415 मामलों का पता चला है, जिनमें से 115 संक्रमित ठीक हो गए हैं या पलायन कर गए हैं।
बिहार में नए स्वरूप का एक भी मामला सामने नहीं आया है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग मानता है कि राज्य में जीनोम अनुक्रमण सुविधा के अभाव में इस संक्रमण का समय पर पता लगाने में कठिनाई आ सकती है। पटना एम्स के अधीक्षक चंद्रमणि सिंह ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई मरीज पुराने या नवीनतम स्वरूप से पीड़ित है या नहीं, क्योंकि दोनों का इलाज एक जैसा ही होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई ओमीक्रोन से संक्रमित है, तो वह आरटी-पीसीआर जांच में पॉजिटिव पाया जाएगा, जिसके लिए सुविधाएं पर्याप्त उपलब्ध हैं।’’ राज्य में, विशेष रूप से, कोरोना के मामले नियंत्रण में हैं। लगभग 13 करोड़ की आबादी वाले राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 100 से कम है।