Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने सोमवार को नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी जिद छोड़कर बिहार में शराबबंदी खत्म करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "शराबबंदी के चलते बिहार सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है और इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है। बिहार में विकास ठप है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की हालत दयनीय है, इसलिए नीतीश कुमार को शराबबंदी पर अपनी हठ छोड़नी चाहिए। राजकोष में आबकारी कर संग्रह में सुधार के लिए उन्हें पाबंदी हटानी चाहिए।"
आरसीपी ने कहा, "नीतीश कुमार सरकार हर दिन ज्वॉइनिंग लेटर बांट रही है, लेकिन सरकार उन्हें वेतन कैसे देगी। बिहार सरकार के पास इससे निपटने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं है। नीतीश कुमार सरकार ने राजस्व सृजन को रोक दिया है।"
'शराबबंदी से राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है'
एक अधिकारी के मुताबिक, शराबबंदी से राज्य सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। साथ ही ईंधन, बिजली और अन्य उत्पादों की कीमतें अन्य राज्यों की तुलना में अधिक हैं। पटना में एक लीटर पेट्रोल की कीमत करीब 107.24 रुपये है, जबकि लखनऊ में यह 96.36 रुपये और दिल्ली में 96.72 रुपये है। इसी प्रकार बिजली की दरें भी अन्य राज्यों की तुलना में अधिक हैं।
'शराबबंदी का फैसला नेक मकसद से लिया गया'
जदयू के पूर्व विधायक मनजीत सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जो लोग शराबबंदी खत्म की मांग कर रहे हैं, वे असल में शराब के उपभोक्ता हैं। शराबबंदी का फैसला नेक मकसद से लिया गया है। यह तब तक जारी रहेगा, जब तक नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री हैं।" मनजीत सिंह ने कहा, "इससे संबंधित कानून अपना काम कर रहा है। जो नशे की हालत में पकड़े गए हैं, वे जेल में हैं। संचालक जेल में हैं, वाहन जब्त किए जा रहे हैं। फिर भी जो लोग शराबबंदी को हटाने की मांग कर रहे हैं, वे निश्चित रूप से नियमित रूप से शराब का सेवन करने वाले हैं।"