पटना: लंबे समय के बाद रविवार को केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और उनके भतीजे चिराग पासवान एक साथ नजर आए। रविवार को चिराग पासवान के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा लोक जनशक्ति पार्टी संस्थापक रामविलास की पहली बरसी थी और उसी के मौके पर रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस अपने भतीजे चिराग पासवान के घर पर पहुंचे तथा प्रार्थना में भाग लिया।
कुछ महीने पहले पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच दूरियां बढ़ गई थीं, पशुपति पारस ने चिराग पासवान को छोड़ पार्टी के अन्य सांसदों को अपने खेमें में मिलाकर खुद को लोक जनशक्ति पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था और केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बन गए थे। पशुपति पारस ने चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उस समय पशुपति पारस ने यह भी कहा था कि चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव NDA से अलग होकर लड़कर गलती की थी।
बता दें कि चिराग पासवान ने पटना में अपने पिता रामविलास पासवान की बरसी का आज कार्यक्रम का आयोजन किया है। पासवान की बरसी को लेकर किए जा रहे कार्यक्रम को लेकर सारे गिले-शिकवे भूल नए रिश्ते बनाने में जुटे हैं। चिराग जहां इस कार्यक्रम के आमंत्रण देने को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की वहीं आमंत्रण पत्र में अपने चाचा और सांसद पशुपति कुमार पारस और भाई प्रिंस राज सहित अन्य परिजनों का नाम देकर उनसे भी सुलह की कोशिश में जुटे हैं।
बरसी कार्यक्रम के लिए छपवाए गए कार्ड पर चाचा पशुपति पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज का भी नाम अंकित करवाया गया है। इस आमंत्रण कार्ड के जरिए चिराग ने संकेत दिए हैं कि वह परिवार में अब सुलह करना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने खुद पहल की है। वे खुद चाचा पारस को आमंत्रण देने भी गए थे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों चाचा पशुपति पारस की बगावत के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गई है। एक गुट का नेतृत्व जहां पारस कर रहे हैं वहीं एक गुट चिराग पासवान के नेतृत्व में चल रहा है। दोनों गुट लोजपा पर अपना दावा पेश कर रहे है।