पटना. LJP में सियासी बवाल जारी है। रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान पूरी तरह से साइड लाइन होते नजर आ रहे हैं। आज रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस पासवान ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा नहीं, पार्टी को बचाया है। वो बिहार के सीएम नीतीश कुमार को विकास पुरुष मानते हैं और एनडीए गठबंधन में बने रहना चाहते हैं। उन्होंने इस दौरान जेडीयू में विलय की सभी बातों को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
लोकजनशक्ति पार्टी में मचे बवाल पर पशुपति पासवान ने कहा, "बहुत अच्छे तरीके से पार्टी चल रही थी, कहीं भी कोई शिकवा-शिकन नहीं थी। मेरा दुर्भाग्य कहिए कि हमारे बड़े भाई और छोटे भाई दोनों हमको छोड़कर चले गए। मैं अकेला महसूस कर रहा हूं। मैं अकेला रह गया हूं। पार्टी की बागडोर जिनके हाथ में गई, पार्टी के 99% कार्यकर्ता, सांसद, विधायक औऱ जो हमारी पार्टी के समर्थक लोग थे, सभी लोगों की इच्छा थी कि हम 2014 में NDA गठबंधन का हिस्सा बनें और इसबार भी बिहार विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन का हिस्सा बने रहें।"
उन्होंने आगे कहा, "स्वर्गीय पासवान जी की अंतिम इच्छा थी कि देश के गरीब, मजदूर, दलित, पीड़ित, कमजोर का उत्थान हो, इसीलिए उन्होंने पार्टी का गठन किया। उनके द्वारा बनाई गई पार्टी बिखर रही थी। कुछ असमाजिक तत्वों ने आकर के हमारे पार्टी में सेंध लगाई और 99 फीसदी कार्यकर्ताओं की भावना को अनदेखी करते हुए, गठबंधन को तोड़ दिया। गठबंधन तोड़ा भी तो दूसरे तरीके से तोड़ा। किसी से प्यार करेंगे, किसी से दोस्ती करेंगे। इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार में एनडीए गठबंधन कमजोर हुआ और लोकजनशक्ति पार्टी समाप्ति के कगार पर चली गई।"
पशुपति ने ये भी कहा, "हमारे दल में 6 सांसद हैं। पांच सांसदों की इच्छा थी 6 महीने से कि हमारी पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है, इस पार्टी को बचा लिया जाए। मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है, मैंने पार्टी बचाई है। चिराग पासवान हमारे भतीजे हैं, हमारी पार्टी के अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मुझको कोई आपत्ति नहीं है, वो दल में रहें, मुझे उनसे कोई शिकवा नहीं है। मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है। जो लोग भी किसी वजह से हमारी पार्टी से नाराज होकर चले गए हैं, मैं उनसे माफी मांगता हूं कि वो वापस आए और पार्टी की सदस्यता ग्रहण करें।"