बिहार के गोपालगंज जिले में रेडियोएक्टिव पदार्थ की बरामदगी के बाद मुंबई से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की टीम पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। कैलिफोर्नियम होने के संदेह की जांच के लिए यह टीम गोपालगंज पहुंची हुई है। कड़ी सुरक्षा के बीच कुचायकोट थाने में परमाणु अनुसंधान केंद्र की टीम जांच में जुटी हुई है।
यूपी में चल रही छापेमारी
वहीं, बिहार एसटीएफ की जांच में यूपी का कनेक्शन भी सामने आया है। यूपी के कुशीनगर के खजांची कुशवाहा का नाम सामने आया है, जिसने तस्करों को रेडियोएक्टिव पदार्थ दिया था। फरार खजांची कुशवाहा के पास रेडियो एक्टिव पदार्थ कहां से आया? इसके खुलासे के लिए पुलिस टीम अब यूपी में छापेमारी कर रही है।
अंर्तराष्ट्रीय बाजार में कीमत 850 करोड़
बता दें कि शुक्रवार को गोपालगंज के कुचायकोट थाने की पुलिस ने रेडियो एक्टिव पदार्थ को यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट से बरामद किया था। इसकी अंर्तराष्ट्रीय बाजार में कीमत 850 करोड़ रुपये आंकी गयी है।
पुलिस अधिकारियों में मचा हड़कंप
बिहार के गोपालगंज जिले में संदिग्ध रेडियोएक्टिव पदार्थ पाए जाने के बाद स्थानीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इस संदिग्ध रेडियोएक्टिव पदार्थ को कैलिफोर्नियम माना जा रहा है। इसका इस्तेमाल एटम बम बनाने में किया जाता है। इसके साथ ही इसका प्रयोग कई अन्य चीजों में किया जाता है। कैलिफोर्नियम को काफी सेंसिटिव माना जाता है।
FSL के साथ मुंबई की टीम जांच में जुटी
भारत में आम आदमी इसको खरीद या बेच नहीं सकता। ऐसे में गोपालगंज से बरामद हुई इस कैलिफोर्नियम जैसे पदार्थ की जांच के लिए FSL की स्पेशल टीम को बुलाया गया है। वहीं, अब मुंबई के भाभा रिसर्च सेंटर से आई टीम इस रेडियोएक्टिव पदार्थ का पता लगा रही है।
गोपालगंज से अयाज अहमद की रिपोर्ट