जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पोल खोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार को पता था कि आगामी 2024 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सबसे पहले उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाती और कहती कि अब हमारा मुख्यमंत्री होगा। बीजेपी की मजबूरी लोकसभा के चुनाव तक है। लोकसभा में बीजेपी एक बार जीतकर आ जाती, तो उनकी सरकार दिल्ली में बन जाती, फिर उनको बिहार में मुख्यमंत्री के पद से हटा देती।
बीजेपी का साथ छोड़ महागठबंधन की व्यवस्था
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अनुमान लगाने के बाद बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन की व्यवस्था बना ली, ताकि 2025 तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहें। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा कि अगला चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है कि वो ऐसा क्यों बोल रहे हैं? नीतीश कुमार बिना सोचे-समझे कुछ नहीं बोलते। नीतीश कुमार को न तेजस्वी से प्यार है, न कभी वो RJD के समर्थित हो सकते हैं अपने पूरे जीवन में।
आगामी लोकसभा और बिहार के चुनाव पर भी बोले
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आगामी दोनों चुनाव कब होंगे ये नहीं पता, लेकिन बिहार में जो आज की व्यवस्था है उस तर्ज पर नहीं होंगे। कौन नेता या दल किधर भागेगा ये कोई नहीं जानता है। आज जो व्यवस्था है जिसमें 7 दल एक हो रहे हैं। अगले चुनाव से पहले आप देखेंगे इसमें बड़ा परिवर्तन आएगा। इसकी झलक आपको दिख भी रही होगी। महागठबंधन को 2015 में हमने बनवाया है, तो मैं जानता हूं कि इसको बनाने में क्या समस्या है, इसे चलाने में क्या परेशानी आती है, कितना समय और प्रयास करना पड़ता है।
अब 7 दलों का महागठबंधन है: प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा कि 2015 में तीन दलों का जो महागठबंधन था उसे मैंने ही बनवाया था। आज 7 दलों का महागठबंधन है। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015 में जो महागठबंधन बना था उसमें लालू और नीतीश कुमार कितने बार मिले थे? नीतीश कुमार ने महागठबंधन क्यों बनवाया इसको समझने की जरूरत है? मुझे दिल्ली में मिले थे, जहां उन्होंने मुझे खुद महागठबंधन बनाने और उसमें शामिल होने को कहा था।
- संजीव कुमार की रिपोर्ट