बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक सपना है कि बिहार शराब मुक्त राज्य बन जाए। इसके लिए उन्होंने 1 अप्रैल 2016 में बिहार में शराब पर पूरी तरह से बैन लगा दिया। इसका मतलब बिहार राज्य में न तो कोई शराब बेचेगा और न ही कोई उसका सेवन करेगा। राज्य में शराबबंदी का पालन हो, इसकी जिम्मेदारी पुलिस को दी गई। मगर क्या होगा जब पुलिस वाले ही छापेमारी के बाद बरामद शराब को बेचने लगे। ऐसा एक मामला बिहार के वैशाली जिले से सामने आया है जिसके बारे में जानकर आपका हैरान होना तो तय है।
पुलिस वाले ही बने शराबी और तस्कर
वैशाली जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि महुआ थाना के अंतर्गत ALTF-03 टीम अलग-अलग छापेमारी में बरामद की हुई शराब को चोरी छुपे अपने पास रख लेते हैं। इसके बाद वो उस शराब का इस्तेमाल खुद के पीने के लिए करते हैं। इतना ही नहीं बरामद की हुई शराब को वो बेच भी रहे हैं। इसकी सूचना मिलने के बाद उन सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है।
7 पुलिसकर्मी को किया गया गिरफ्तार
पुलिस को मिली गुप्त सूचना की पुष्टि के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया। इसके बाद उस विशेष टीम ने ALTF-03 के आवासन स्थल पर जाकर छापेमारी की। इस दौरान वहां 32.50 लीटर देशी शराब बरामद हुआ। इसके अलावा पातेपुर थाना क्षेत्र से भी विदेशी शराब के खेप का एक बोतल मिला। इसके बाद महुआ थाना में मामला दर्ज कर ALTF-03 टीम पर कार्रवाई की गई। इस कांड में शामिल 7 कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए सात पुलिसकर्मी में एक महिला सिपाही भी शामिल है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
(राजा बाबू की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें-
बिहार: तिरहुत स्नातक उपचुनाव के निर्दलीय प्रत्याशी का हार्ट अटैक से निधन, नहीं टलेगा चुनाव