पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते मंगलवार को बिहार के सभी 45945 ग्रामों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने वाली ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवा का उदघाटन करेंगे। प्रधानमंत्री इसके अलावा 14258 करोड़ रुपए की लागत वाली 9 राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इन सड़क परियोजनाओं के जरिए राज्य में 350 किलोमीटर राजमार्ग विकसित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी बिहार में जिस ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवा का उदघाटन करने जा रहे हैं उसके जरिए राज्य के सभी 45945 ग्रामों को जोड़ा गया है। साथ में इस सेवा के जरिए राज्य प्राइमरी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को एक-एक फ्री वाइफाई और फ्री मोबाइल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस प्रोजेक्ट के जरिए राज्य में ई-शिक्षा, ई-कृषि, टेलि मेडिसन, टेलि लॉ और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को आसानी से लागू किया जा सकेगा। जिन राजमार्ग परियोजनाओं की प्रधानमंत्री मोदी आधारशिला रखेंगे उनके जरिए राज्य की सभी नदियों पर आधुनिक पुलों का निर्माण किया जाएगा। कई राजमार्गों को फोर लेन तथा कुछ को 6 लेन में विकसित करने की योजना है।
मोदी ने कोसी रेल महासेतु राष्ट्र को किया समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले शुक्रवार को ‘ऐतिहासिक’ कोसी रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया था और बिहार के रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए 12 रेल परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया था। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज बिहार में रेल संपर्क बहाल करने के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है और ये परियोजनाएं राज्य में व्यापार, कारोबार, उद्योग, रोजगार को भी बढ़ावा देने वाली हैं। वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से आयोजित इस समारोह में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय ने भी हिस्सा लिया।
इन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है। कोसी महासेतु और किउल ब्रिज के साथ ही बिहार में रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण और रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, नए रोजगार पैदा करने वाली एक दर्जन परियोजनाओं का आज लोकार्पण और शुभारंभ हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि लगभग 3000 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं से बिहार का रेल नेटवर्क तो सशक्त होगा ही पश्चिम बंगाल और पूरे भारत का रेल संपर्क भी मजबूत होगा। कोसी महासेतु को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की परिकल्पना बताते हुए मोदी ने कहा कि यह नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। वर्ष 2003 में इसकी नींव रखी गई थी और अब जाकर इसे राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब 2003 में नीतीश जी रेल मंत्री थे और अटल जी प्रधानमंत्री, तब नई कोसी रेल लाइन परियोजना की परिकल्पना की गई थी। इसका उद्देश्य यही था कि मिथिला और कोसी क्षेत्र के लोगों की दिक्कतों को दूर किया जाए। इसी सोच के साथ 2003 में अटल जी द्वारा इस परियोजना का शिलान्यास किया गया था। लेकिन अगले वर्ष अटल जी की सरकार चली गई और उसके बाद कोसी रेल लाइन परियोजना की रफ्तार भी उतनी ही धीमे हो गई।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले के पांच सालों में लगभग सवा तीन सौ किलोमीटर नई रेल लाइन शुरू हुई थी, जबकि 2014 के बाद के पांच सालों में बिहार में लगभग 700 किलोमीटर रेल लाइन यानी करीब-करीब दोगुने से भी अधिक नई रेल लाइन शुरू हुईं। मोदी ने इस अवसर पर स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सरकार द्वारा किए गए कामों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की।