Sunday, December 29, 2024
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बिहार: मंत्री जी का पदभार ग्रहण, प्रधान सचिव की अनुपस्थिती, चपरासी का गुलदस्ता....

भाजपा के एक नव नियुक्त मंत्री आज जब अपने विभाग में पदभार ग्रहण करने गए तो प्रधान सचिव का इंतजार करते ही रह गये। काफी देर तक प्रधान सचिव का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आईं।

Reported by: Nitish Chandra @NitishIndiatv
Updated : February 11, 2021 13:32 IST
बिहार: मंत्री ने जिस चपरासी से गुलदस्ता लेकर संभाला था पदभार, उसे ही कर दिया सस्पेंड
बिहार: मंत्री ने जिस चपरासी से गुलदस्ता लेकर संभाला था पदभार, उसे ही कर दिया सस्पेंड

पटना: भाजपा के एक नव नियुक्त मंत्री आज जब अपने विभाग में पदभार ग्रहण करने गए तो प्रधान सचिव का इंतजार करते ही रह गये। काफी देर तक प्रधान सचिव का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आईं। ऐसे में मंत्री जी को चपरासी के हाथों गुलदस्ता लेकर पदभार ग्रहण करना पड़ा। लेकिन बाद में पता चला कि प्रधान सचिव पिछले दिन भी मंत्री जी को गुलदस्ता भेंट कर चुकी थीं। ऐसे में दूसरे दिन मंत्री जी क्यों गुलदस्ते के लिए प्रधान सचिव का इंतजार कर रहे थे, यह समझ से पहे है। 

बाद में जब मीडिया सफाई मांगने लगा तो मंत्री जी के लोग कहने लगे कि मैसेज में कहीं कन्फ्यूजन हुई है। कन्फ्यूजन के लिए बली का बकरा एक कर्मचारी को बनाया गया और उसे सस्पेंड कर दिया गया। यह घटना मंत्री जनक राम के साथ हुई है। बीजेपी के जिन नये मंत्रियों ने शपथ ली है, उनमें जनक राम भी शामिल हैं। वह गोपालगंज से सांसद रह चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में उनकी सीट जेडीयू के कोटे में चली गई थी, जिसके बाद पार्टी ने क्षतिपूर्ति करने के लिए उन्हें बिहार सरकार में खान एवं भूतत्व विभाग का मंत्री बना दिया। 

विभाग को पूर्व सूचना देकर जनक राम बुधवार को अपना पदभार ग्रहण करने गये। उनके साथ समर्थकों की टोली भी थी, जो मंत्री जी को पदभार ग्रहण करते देखना चाहते थे। खान और भूतत्व मंत्री जनक राम मंगलवार को नियत समय पर पदभार ग्रहण करने अपने विभाग पहुंचे थे। इसकी सूचना उन्होंने विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर को भिजवा दी थी।

बिहार में यह सरकारी परंपरा है कि जब मंत्री पदभार ग्रहण करने पहुंचते हैं तो उनका स्वागत करने के लिए प्रधान सचिव मौजूद रहते हैं। लेकिन, मंत्री जब दफ्तर में पहुंचे तो प्रधान सचिव का अता पता नहीं था। मंत्री जी को लगा कि प्रधान सचिव कुछ देर में पहुंच जाएगी। लिहाजा, वह इंतजार करने लगे। दफ्तर के कुछ लोगों ने प्रधान सचिव को फोन भी मिलाया लेकिन कोई फर्क नहीं पडा।

समर्थकों के सामने मंत्री जी जलील हो रहे थे। नाराज मंत्री ने काफी देर इंतजार करने के बाद इज्जत बचाने का रास्ता ढूंढना शुरू किया। उन्होंने अपने ऑफिस के एक चपरासी को बुलाया और कहा कि चपरासी के हाथों ही गुलदस्ता लेकर वह पदभार ग्रहण करेंगे। चपरासी ने गुलदस्ता दिया और मंत्री जी ने पदभार ग्रहण किया।

मीडिया ने जब पूछा कि प्रधान सचिव ने उनकी ऐसी बेइज्जती क्यों की तो वह उखड़ गए। उन्होंने कहा कि 'उन्हें विभाग में पहले दिन से ही अफसरशाही देखने को मिल रही है। वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रधान सचिव को कारण बताओ नोटिस देंगे कि वह क्यों नहीं पहुंचीं। उसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को लिखेंगे।' लेकिन, फिर प्रधान सचिव हरजोत कौर मंत्री के दफ्तर पहुंची और उन्हें बुके देकर स्वागत किया।

 

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