पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां गुरुवार को गंगा में व्रतियों के लिए तैयार किए जा रहे छठ घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सभी घाटों को 10 नवंबर तक तैयार कराने का निर्देश दिया। चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व में इस वर्ष 13 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य तथा 14 नवंबर को उदीयमान सूर्य का अघ्र्य दिया जाएगा। इस दौरान पटना में गंगा घाटों पर हजारों लोग इकट्ठा होते हैं।
नीतीश ने गुरुवार को गंगा के दानापुर के नासरीगंज घाट से लेकर कंगनघाट तक का जायजा लिया। उन्होंने दो घंटे तक स्टीमर से घाटों को देखा और खतरनाक घाटों के लिए अधिकरियों को विशेष निर्देश दिया। नीतीश ने अधिकरियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि व्रतियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने घाटों पर उपयुक्त बिजली की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा घाटों के कटाव के मद्देनजर 'बैरिकेटिंग' करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री दानापुर के नासरीगंज से पटना सिटी के खाजेकलां घाट तक गंगा तटों पर चल रहे छठ घाटों की तैयारी से संतुष्ट नजर आए। घाटों के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि छठ लोक आस्था का महापर्व है और छठ के समय गंगा नदी पर लाखों की संख्या में लोग सूर्य भगवान को अघ्र्य देने के लिए आते हैं।
उन्होंने कहा, "ज्यादा से ज्यादा घाटों का निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है। लोगों के आने-जाने के लिए रास्ता सुगम हो, इसका ध्यान रखकर घाटों को तैयार किया जा रहा है। छठ व्रत करने वाले लोगों को किसी तरह की कोई कठिनाई न हो, इसके लिए घाटों की गहराई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।"
मुख्यमंत्री ने तीन नवंबर को भी गंगा घाटों का निरीक्षण किया था और कई निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि काम तेजी से हो रहा है और बेहतर हो रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव सहित कई अधिकारी साथ थे।