पटना: बिहार की राजधानी पटना में एक ट्रेनी महिला सिपाही की मौत के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए बवाल पर बड़ी कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिसवालों के बीते शुक्रवार को हिंसक होने और न्यू पुलिस लाइन में तोड़फोड़ करने के मामले में 167 ट्रेनी सिपाहियों तथा 8 पुराने सिपाहियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही 23 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि बर्खास्त किए गए ट्रेनी सिपाहियों और पुराने सिपाहियों को अब कहीं सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
10 साल से पुलिस लाइन में जमे पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई
मामले की जांच करने वाले पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैयर हसनैन खान ने बताया कि हंगामे में शामिल 167 ट्रेनी और 8 पुराने पुरुष सिपाहियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है तथा 23 पुरुष पुलिसकर्मियों को कर्तव्यहीनता और अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड किया गया है। सेवा से बर्खास्त किए गए 167 ट्रेनी सिपाहियों में करीब आधी संख्या महिला पुलिसकर्मियों की है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पिछले 10 साल से पुलिस लाइन में जमे 93 पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर उन्हें पटना जोन से बाहर ट्रांसफर किए जाने के लिए पुलिस मुख्यालय को लिखा गया है।
मामले में कुल 4 FIR दर्ज की गईं
नैयर ने बताया कि इस मामले में कुल 4 प्राथमिकी दर्ज की गईं। जो दोषी पाए जाएंगे, उनकी गिरफ्तारी भी होगी। छुट्टी नहीं दिए जाने के कारण बीमार महिला सिपाही सविता पाठक की मौत होने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि पूर्व में उसे चिकित्सा अवकाश दिया गया था। उसके काम पर लौटने के बाद ड्यूटी लगाए जाने पर गत 30 अक्टूबर को उसने तबियत ठीक न होने की बात कही थी, पर उसकी ड्यूटी लगा दी गयी । इस मामले में जवाबदेह ट्रैफिक पुलिस के एक हवलदार और 2 सिपाहियों को निलंबित किया गया है जो 23 निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में शामिल हैं।
बदला लेने के लिए सिपाहियों को उकसाया गया?
नैयर ने कहा कि पुलिस लाइन में मौजूद अस्पताल में पदस्थापित मेडिकल ऑफिसर द्वारा उक्त बीमार महिला सिपाही के स्वास्थ्य की जांच नहीं किए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। पुलिस लाइन में तैनात पुलिस उपाधीक्षक मसलेहुद्दीन पर बीमार महिला सिपाही को छुट्टी नहीं दिए जाने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जांच में उनके खिलाफ कोई आरोप सामने नहीं आया है। ऐसा लगता है पुलिस संघ के लोग जिनके खिलाफ पूर्व में कार्रवाई हुई थी, ने बदला लेने के उदृदेश्य से सिपाहियों को उकसाया होगा। मसलेहुद्दीन ने भी स्वयं प्राथमिकी दर्ज कराई है।
SSP ने कहा, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
उपद्रवी सिपाहियों ने मसलेहुद्दीन की बुरी तरह पिटाई कर दी थी तथा उनके आवास के भीतर घुसकर तोड़फोड़ और उनके परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया था। नैयर ने कहा कि कुछ और बिंदुओं पर जांच जारी है तथा सोमवार तक पुलिस मुख्यालय को वे अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। वहीं, पटना के एसएसपी मनु महाराज ने भी मामले पर काफी सख्ती दिखाते हुए कहा है कि अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और मामले में जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।